सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Language: Bhojpuri 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read चलऽ ना घुमा दऽ शहरिया पिया शक्ति छंदाधारित गीत चलऽ ना घुमा दऽ शहरिया पिया। बड़ा नीक लागे बजरिया पिया। जिलेबी, मिठाई, खिआ दऽ सजन। निरहुआ क पिक्चर दिखा दऽ सजन। नथुनिया गढ़ा दऽ, उधारे भले-... Bhojpuri · गीत 1 1 472 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read रिमझिम शब्द- रिमझिम रिमझिम रिमझिम हो रहल, दोहा के बरसात। दोहालय लहरत हवे, हरिहर आज बुझात।। रिमझिम रिमझिम ए सखी, सावन के बरसात। साजन बिन लागति हवे, नागिन काली रात।२। मौसम... Bhojpuri · दोहा 1 368 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read किताब पढि लऽ लिखल किताब में, नैन हृदय के द्वार। जे अँखिया ना पढि सकल, पोथि पढ़ल बेकार।। जे चाहे आ के पढ़ो, हिरदय खुलल किताब। लिखनी हम महबूब के, हर्फ... Bhojpuri · दोहा 199 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read भोजपुरी देशभक्ति गजल २१२२ २१२२ २१२२ २१२ हो गइल आजाद जब, भारत ब्रिटिश शैतान से। हिंद के जयकार गूंजल, खेत से खरिहान से। जे भइल कुर्बान भारत, भूमि के रक्षा करत। बा नमन,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 446 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read चौपाई छंद आधारित मुक्तक विधा-मुक्तक आधार छंद-चउपाई कवनो नाहीं चली बहाना। लागल रहि ई जाना आना। लाख उधापन कऽ लऽ भाई- साथ न जाई माल खजाना। जीवन अउर मरण के खेला। मानव मूरख निपट... Bhojpuri · मुक्तक 452 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read नशा हो गइल मापनी-212 212 212 212 *********************** नैन उनकर शराबी नशा हो गइल। जुल्फ लहरल त करिया घटा हो गइल। नींद नैना लुटल चैन हमरो गइल। आज अँखिया मिलावल सजा हो गइल।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 398 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read ओलंपिक के भइल आयोजन ओलंपिक के भइल आयोजन,शहर टोक्यो देश जपान। देश विदेश क वीर धुरंधर, सबकर उहँवा रहल जुतान। कुश्ती खातिर आंखाड़ा तऽ, सजल रहल हांँकी मैदान। केहू भाला लेके पहुँचल, केहू लेके... Bhojpuri · छंद 261 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Aug 2021 · 1 min read शिव के गीत सावन में भोला की नगरी, भींड भइल बा भारी। दर्शन खातिर भक्तगणन में, होला मारा-मारी। तन प गेरूआ बस्तर अरुरी, मन में शम्भू दानी। बम-बम शिव के नारा खाली, मुख... Bhojpuri · गीत 261 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति सोहर देशवा ई सोना के चिरइया त, हीरा उगवइया नू हो। ए ललना दुश्मन विदेसी लुटवइया त, माटी मिलवइया नू हो। तड़पत कुहुकत धरती त, लोरिया बहावसूँ हो, ए ललना कइलस... Bhojpuri · गीत 484 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Aug 2021 · 1 min read सावन के दोहा सावन में हरिहर भइल, सगरो खेत बघार। सखियन के झूला पड़ल, खुश बा गाँव जवार।। सावन मनभावन भइल, हरिहर भइल जहान। झूला बगियन में पड़ल, विखरल कजरी गान।। सावन बिन... Bhojpuri · दोहा 276 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Jul 2021 · 1 min read चलऽ देवघर #शक्ति_छंद नापनी 122 122 122 12 भजऽ नाम भोले क आठो पहर। चलऽ हो चलऽ हो, चलऽ देवघर। सजी काम बिगड़ल बनावत हवें। सुपथ आज सबके दिखावत हवें। उमापति, अनघ,... Bhojpuri · छंद 265 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 25 Jul 2021 · 1 min read तिरंगा मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ २१२ क़ाफिया-आन, रदीफ-बा बा कहीं अल्ल्लाह ईश्वर, राम रब भगवान बा। एक ही बाटे तिरंगा, एक हिंदुस्तान बा। भेष-भूषा जाति मजहब, बा अलग बोली मगर। दिल बसल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 22 Jul 2021 · 1 min read भारत रहो विजयी सदा छंद-गीता 2212 2212 2212 221 भारत रहो विजयी सदा दिल में इहे अरमान। फहरे तिरंगा विश्व में दुनिया करे सम्मान। जय हिन्द जय, भारत अजय, दुश्मन करे जयकार। सागर शिखर... Bhojpuri · छंद 264 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jul 2021 · 1 min read हाल भइल गंभीर हाल बड़ी बाउर भइल, घाव भइल गंभीर। जबसे कनखी नैन के, लागल हमके तीर।। सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 346 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jul 2021 · 1 min read सावन सम नैना भइल सावन सम नैना भइल, बरसत बा दिन-रात। परदेसी साजन सखी, करें न हमसे बात।। सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 239 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read लावणी छंद आधारित मुक्तक सुबह शाम सुतला जगला में, अँखिया में दिलदार रहल। कुछऊ नाहीं नीमन लागे, बस ऊहे संसार रहल। बाबूजी के खबर भइल तऽ, पीठी पर पैना टूटल- फिर भी दिल में... Bhojpuri · मुक्तक 588 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read माई के ललनवा बम चले गोली चले, उहँवा न बोली चले, सीमवा प सीना तानि, खाडा बा जवनवा। दुसमन वार करे, कोशिश हजार करे, लजिया बचावऽ ताते, माई के ललनवा। हर घड़ी हर... Bhojpuri · घनाक्षरी 383 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read जख्म चुपके से सहल जाई हाल केसे अब कहल जाई। आदमी पल में बदल जाई। नून मुठ्ठी में हवे सबके- जख्म चुपके से सहल जाई। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 240 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read लोग बस आपन कहावे के हवे दुख कवन के से सुनावे के हवे। हाल खुद के का बतावे के हवे। वक्त पर ना साथ देला आदमी। लोग बस आपन कहावे के हवे। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 234 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read नून रोटी दाल मँहगा हो गइल #वज़्न - 2122. 2122 2122 212 #अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन #बह्र - बह्र: बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़ #काफ़िया - ई स्वर #रदीफ़ - गैर मुरद्दफ़ (#क़ाफ़िया_ही_रदीफ़ है) ■■■■■■■■■■■■... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 329 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Jul 2021 · 1 min read अर्पित सीस हमार गांधी भगत सुभाष के, नमन करीं सौ बार। मातृभूमि खातिर रही, अर्पित सीस हमार।। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 214 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read माई के ललनवा बम चले गोली चले, उहँवा न बोली चले, सीमवा प सीना तानि, खाडा बा जवनवा। दुसमन वार करे, कोशिश हजार करे, लजिया बचावऽ ताते, माई के ललनवा। हर घड़ी हर... Bhojpuri · घनाक्षरी 1 507 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read मातृभूमि मातृभूमि माई हई, रखिहऽ हरपल ध्यान। माई की सम्मान में, जान करऽ कुर्बान।। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 268 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read सोहर आजु हमरे बेटी के छठियार के अवसर पर हमार लिखल सोहर------ अँगना में बेइली फूलइली, चमेली फफनइली नू हो। ऐ बबुनी---- महके ला घरवा दुअरवा, अँगन उठे सोहर हो। सगरो... Bhojpuri · गीत 399 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बताईं रूप ई सुंदर खुदा कइसे सँवारे नी कबो बिंदी कबो काजल, कबो नैना निहारे नी। कबो लाली कबो बाली, निरखि जिनगी गुजारे नी। बड़ी मासूम बा मुखड़ा, नजर तनिको हटट नइखे- बताईं रूप सुंदर ई, खुदा कइसे... Bhojpuri · मुक्तक 1 1 387 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बुढ़ापा से मुहब्बत बा जरूरी १२२२ १२२२ १२२ बुढ़ापा से मुहब्बत बा जरुरी। बचा लऽ ई विरासत बा जरूरी। शजर जड़ से जुदा हो के रही ना, समझ लऽ आज निस्बत बा जरूरी। (निसबत-लगाव) पिता... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 315 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बरखा पर के घाम लागल बाटे रोपनी, जरे देह के चाम। अन्न क दाता हऽ कृषक,कइसे करी अराम। माथे बीज कुदार धर, चलल खेत की ओर- लागे ला मरिचा नियन, बरखा पर के घाम।... Bhojpuri · मुक्तक 568 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read प्रभु से कर लीं प्रीत कर लीं प्रभु के वंदना, सुबह-सुबेरे मीत। हृदय बसा लीं राम के, गायीं उनकर गीत। जग उद्धारक राम प्रभु , करीं सदा कल्याण- सुखमय जीवन चाह बा, प्रभु से कर... Bhojpuri · मुक्तक 459 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read रिश्ता रिश्ता में आवत हवे,जबसे कुछ प्रतिरोध। बाति-बाति पर होत बा, देखिं आज विरोध। लालच में आन्हर भइल, लाभ-हानि के फेर- समझे ना देला कुछो, दिल में भरल किरोध। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 393 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Jul 2021 · 1 min read आइल बहार पिया ना आयोजन:- पारम्परिक लोकगीत लेखन विधा-कजरी __________________________________________ पड़े सावन के रिमझिम फुहार पिया, आइल बहार पिया ना। ढऽ लऽ गाड़ी तू जल्दी हमार पिया, आइल बहार पिया ना। बहे पुरुआ बयार,... Bhojpuri · गीत 1 2 541 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read कामना अब तऽ खुशी से हर घड़ी होखत रहो, जी सामना अब तऽ। कि आइल जिंदगी में गम जुदाई, बा मना अब तऽ। मुहब्बत में कटे हर पल, कबो आवे न गम आंँसू-... Bhojpuri · मुक्तक 337 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read बीमार कमर में दर्द चालू बा, तनिक धुधला नजर होता। सभे बोले करऽ संयम, सुनऽ अब तऽ उमर होता। रहल शूगर भइल पिलिया समझ आवे न बीमारी- सुनाईं हाल का आपन... Bhojpuri · मुक्तक 178 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read मुहब्बत बा जरूरी वज़्न - 1222 1222 122 अर्कान - मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन बह्र - हज़ज मुसद्दस महजूफ़ काफ़िया - अत रदीफ़ - बा जरूरी ग़ज़लकार- सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य ________________________ ग़ज़ल- मुहब्बत... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read भटनी शहर में ना विधा-कजरी तू त चलि गइलऽ भटनी शहर में। राति के पहर में ना। हमके छोडि के किराया के घर में, ठीक दुपहर में ना। कहत रहलऽ करब केयर, छोडि के... Bhojpuri · गीत 260 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक नौकरी के साथ घर परिवार बा। जे अकेले बा उहे लाचार बा। गोंदिये में हर घड़ी बबुनी रहें।- बंद सब कवितागिरी अब यार बा। बनि गइल जबसे पड़ोसन प्यार बा।... Bhojpuri · मुक्तक 384 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read गजल दोस सिस्टम के दिहल बेकार बा। कर्म से भागल समझ लीं हार बा।१ सब क आपन पूत प्यारा हो गइल, आदमी देखीं बड़ा लाचार बा।२ के करत बा का इ... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक सरक जाइत अगर चिलमन, त हमरो काम हो जाइत। जहाँ नफरत से' लेतू नाम, हमरो नाम हो जाइत। नजर के बान लागल बा, हृदय घायल भइल हमरो- दिवाना दिल भइल... Bhojpuri · मुक्तक 179 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read रोपनी गीत आयोजन-लोकगीत मानीं कहलका, मकई दीं बोई। रोपनियाँ ए सइयाँ, हमसे ना होई। मरिचा नियन लागे बरखा के घाम हो। बरखा के घाम पिया, बरखा के घाम हो------ लागता जर जाई... Bhojpuri · गीत 306 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी धनाक्षरी ____________________________ दिन दुपहरिया में, सांझी के पहरिया में, आठो घड़ी खेतवे में, पलेला किसनवा। रिमझिम बूनी पड़े, कान्हे प कुदारी धरे, खेतवा की ओर देखऽ, चलेला किसनवा। दिन रात जरे... Bhojpuri · घनाक्षरी 2 456 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी मुक्तक सनसन सनसन पुरुआ डोले, रिमझिम बरसे सावन। हरियाली आच्छादित धरती, लागे सुंदर पावन। याद सतावे हरपल तहरो, मनवा नाहीं लागे- घर आजा परदेसी बालम, मौसम बा मनभावन। बात न तनिको... Bhojpuri · मुक्तक 311 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read घनाक्षरी विधा:- घनाक्षरी ____________________________ दिन दुपहरिया में, सांझी के पहरिया में, आठो घड़ी खेतवे में, पलेला किसनवा। रिमझिम बूनी पड़े, कान्हे प कुदारी धरे, खेतवा की ओर देखऽ, चलेला किसनवा। दिन... Bhojpuri · घनाक्षरी 316 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read सास बहू विधा:- घनाक्षरी ________ बठेला कपार रोजऽ, लड़े ले बहाना खोजऽ, सासुजी से कबो नाहीं, बोले ले पतोहिया। केतनो चिल्लात रहें, बाबु दादा कुछु कहें, जगहि से अपनी ना, डोले ले... Bhojpuri · घनाक्षरी 250 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 8 Jul 2021 · 1 min read मौसम बा मनभावन सनसन सनसन पुरुआ डोले, रिमझिम बरसे सावन। हरियाली आच्छादित धरती, लागे सुंदर पावन। याद सतावे हरपल तहरो, मनवा नाहीं लागे- घर आजा परदेसी बालम, मौसम बा मनभावन। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 371 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक न मन्दिर से न मस्जिद से, न गीता से बसर होई। रही जब पेट में दाना, तबे कुछऊ असर होई। गुजारिश बा करऽ चाहें, सराफत भा सियासत तूँ- उदर खाली... Bhojpuri · मुक्तक 2 4 207 Share Previous Page 2