Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2021 · 1 min read

शिव के गीत

सावन में भोला की नगरी, भींड भइल बा भारी।
दर्शन खातिर भक्तगणन में, होला मारा-मारी।

तन प गेरूआ बस्तर अरुरी, मन में शम्भू दानी।
बम-बम शिव के नारा खाली, मुख से निकले बानी।
कान्हे पर काँवर शोभे ला, माथे चंदन टीका-
शंकर की महिमा के सबके, मुख पर हवे कहानी।

केहू अवघड़ दानी बोले, अउर अनघ त्रिपुरारी।
दर्शन खातिर भक्तगणन में, होला मारा-मारी।

भोले की सर पर शोभे ला, गंगा जी के पानी।
दायें शिव की सदा विराजे, माता गउरा रानी।
मृगछाला के आसन लागे, बसहा बैल सवारी-
हाथे में त्रिशूल डमरूआ, बाबा हउअन दानी।

भूत पिशाच प्रेत गण योगी, बाबा के दरबारी।
दर्शन खातिर भक्तगणन में, होला मारा-मारी।

गर्दन में साँपन के माला, आसन में मृगछाला।
पियें हलाहल दुनिया खातिर, शिव शम्भू मतवाला।
मेवा से परहेज करेलन, भाँग धतूरा खालन-
भक्तन के कल्याण करेलन, बम भोले रखवाला।

शिव के रँग में सभे रँगाइल, सावन में नर नारी।
दर्शन खातिर भक्तगणन में, होला मारा-मारी।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नए साल की नई सुबह पर,
नए साल की नई सुबह पर,
Anamika Singh
आँख
आँख
विजय कुमार अग्रवाल
जिस नारी ने जन्म दिया
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"ऐ मेरे बचपन तू सुन"
Dr. Kishan tandon kranti
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Sakshi Tripathi
spam
spam
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कविता
कविता
Neelam Sharma
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
Ranjeet kumar patre
ना सातवें आसमान तक
ना सातवें आसमान तक
Vivek Mishra
* जब लक्ष्य पर *
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
!!
!! "सुविचार" !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
DrLakshman Jha Parimal
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
डॉ.सीमा अग्रवाल
दुनिया की ज़िंदगी भी
दुनिया की ज़िंदगी भी
shabina. Naaz
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
"वट वृक्ष है पिता"
Ekta chitrangini
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
😢धूर्तता😢
😢धूर्तता😢
*Author प्रणय प्रभात*
आप अपनी नज़र से
आप अपनी नज़र से
Dr fauzia Naseem shad
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
Maroof aalam
देख कर
देख कर
Santosh Shrivastava
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
माँ
माँ
meena singh
कुछ भी नहीं हमको फायदा, तुमको अगर हम पा भी ले
कुछ भी नहीं हमको फायदा, तुमको अगर हम पा भी ले
gurudeenverma198
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr Shweta sood
Loading...