Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2021 · 1 min read

लावणी छंद आधारित मुक्तक

सुबह शाम सुतला जगला में, अँखिया में दिलदार रहल।
कुछऊ नाहीं नीमन लागे, बस ऊहे संसार रहल।
बाबूजी के खबर भइल तऽ, पीठी पर पैना टूटल-
फिर भी दिल में जिंदा हरपल, धड़कन बन के यार रहल।

सबसे ऊंँचा रही तिरंगा, जय-जय आठो-याम रही।
गंगा-यमुना भागिरथी में, नीर बहत अविराम रही।
आँख दिखाई जब-जब दुश्मन, आँख निकाल लिहल छाई-
जबतक सागर रही हिमालय, हिन्द देश के नाम रही।

वीरभूमि भारत के जननी, वीर पूत जनमावे ली।
माई माटी की रक्षा में, सीस दिहल सिखलावे ली।
रोवे बबुआ जब राती में, ठपकी की साथे-साथे-
भगत सुभाष क कथा सुनावें, लोरी नाहीं गावे ली।

भारत की गौरव गाथा के, सुंदर लिखल कहानी बा।
राणा की भाला के आगे, अकबर माँगत पानी बा।
पीठी पर बबुआ के बन्हली, हाथे में तलवार रहे-
भारत के ऊ वीर शेरनी , झांसी वाली रानी बा।

सियाचीन गलवान कारगिल, हर मोर्चा पर हार भइल।
भारत की ताकत के आगे , दुश्मन सब लाचार भइल।
कायर छुप के घात लगावे, चीन और पाकिस्तानी-
जब-जब रणभेरी बाजल हऽ, भारत के जयकार भइल।

सांवा, तांगुन, बजरा, बजरी, तीसी, जौ, केराय गइल।
लहसुन मरिचा की चटनी सह, भाजि भात सेराय गइल।
आपस में मतभेद बढ़ल हऽ, अँगना में बखरा लागल-
दादा-दादी, चाचा-चाची, रिश्ता सजि हेराय गइल।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

Language: Bhojpuri
580 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ चुनावी साल
■ चुनावी साल
*Author प्रणय प्रभात*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लाख दुआएं दूंगा मैं अब टूटे दिल से
लाख दुआएं दूंगा मैं अब टूटे दिल से
Shivkumar Bilagrami
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
"अकेलापन की खुशी"
Pushpraj Anant
ज़िदगी के फ़लसफ़े
ज़िदगी के फ़लसफ़े
Shyam Sundar Subramanian
सुखम् दुखम
सुखम् दुखम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
आप हो
आप हो
Dr.Pratibha Prakash
* विजयदशमी मनाएं हम *
* विजयदशमी मनाएं हम *
surenderpal vaidya
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
पूर्वार्थ
रिश्ते
रिश्ते
Harish Chandra Pande
मन मन्मथ
मन मन्मथ
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
Arghyadeep Chakraborty
"काला पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
साँप का जहर
साँप का जहर
मनोज कर्ण
बहुत कुछ जल रहा है अंदर मेरे
बहुत कुछ जल रहा है अंदर मेरे
डॉ. दीपक मेवाती
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
2943.*पूर्णिका*
2943.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
पहिए गाड़ी के हुए, पत्नी-पति का साथ (कुंडलिया)
पहिए गाड़ी के हुए, पत्नी-पति का साथ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
गणतंत्र का जश्न
गणतंत्र का जश्न
Kanchan Khanna
शुक्रिया जिंदगी!
शुक्रिया जिंदगी!
Madhavi Srivastava
मंजिल
मंजिल
Swami Ganganiya
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
Rj Anand Prajapati
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ना धर्म पर ना जात पर,
ना धर्म पर ना जात पर,
Gouri tiwari
Loading...