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31 May 2024 · 1 min read

मुक्तक काव्य

जगत में कहीं किसी की जग हंसाई ना हो
किसी की भी भावनाओं की उड़ाई ना हो
जीवन में सुख समृद्धि मिलती रहे सब को
दुःख-दर्द से भरी किसी की दिनचर्या ना हो।

– सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार

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