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16 Feb 2024 · 1 min read

चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।

चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
टेसू-ढाक-पलाश ले, खेले फाग बसंत।।

ठूँठ हुए हर वृक्ष पर, आए पल्लव-फूल।
पीत बरन भू- सुंदरी, ओढ़े खड़ी दुकूल।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

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