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25 Jan 2024 · 1 min read

शादाब रखेंगे

बह्र 👉👉 1222 1222 1222 1222
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन

काफ़िया 💕 आब
रदीफ़ 💕 रक्खेंगे
1222 1222 1222 1222
गुज़ारे साथ जो लम्हें बनाकर ख्वाब रक्खेंगे।
निगेंबां आप ही होंगे तुम्हें महताब रक्खेंगे।

हमारी रूह में बसता क़मर बन मादरे वतन,
भले मुरझाए जाँ औ तन वतन शादाब रक्खेंगे।

रखो बुलंद इरादों को तरक्की आप चूमेगी,
करूँ सदका वतन सजदे जिगर बेताब रक्खेंगे।

मिरे अशआर बन नगमें सुनाएँ देश के किस्से,
भरी जो आग जोशीली उसे ना दाब रक्खेंगे।

ख़ुदा रक्खे सलामत ख़ास ये भारत हमारा है,
मिटा कर झूठ को नीलम जिगर नायाब रक्खेंगे।
नीलम शर्मा ✍️

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