Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2024 · 1 min read

*दीवाली मनाएंगे*

दीवाली मनाएंगे
प्रभु श्रीराम फिर से अयोध्या आएंगे,
हम सेवक राम के
अपने-अपने घर को सजाएंगे।
मंगल कलश भर अक्षत
मिल मिलकर मंगल गीत गाएंगे,
प्रभु राम फिर से अयोध्या आएंगे।।
पूज्य पूज्यनीय संत महात्मा
पवन अयोध्या धाम जाएंगे
वैदिक वेदों कर मंत्र जाप से
राम विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे,
प्रभु राम फिर से अयोध्या आएंगे।।
दीपक बाती घी भरकर,
रामदीप घर-घर जलाएंगे,
सत्य सनातन धर्म है हमारा,
भगवा ध्वजा लहराएंगे,
प्रभु राम फिर से अयोध्या आएंगे।।
राम आगमन के खुशियों की घड़ियां,
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हमारे,
हिंदू हिंदवासी सब सेवक उनके,
जगमग जगमग दीप जलाएंगे,
प्रभु श्रीराम फिर से अयोध्या आएंगे।।
मंगल भवन अमंगल हारी,
द्रवहु सो दशरथ अजर बिहारी,
भारत मां के आंगन में यह गाएंगे,
अब साल में दो बार दिवाली मनाएंगे,
प्रभु श्री राम फिर से अयोध्या आएंगे।।
सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान

Language: Hindi
3 Likes · 205 Views

You may also like these posts

कविता - शैतान है वो
कविता - शैतान है वो
Mahendra Narayan
तपती दोपहरी
तपती दोपहरी
Sudhir srivastava
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
"लकड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
ঈশ্বর কে
ঈশ্বর কে
Otteri Selvakumar
आम
आम
अनिल कुमार निश्छल
एक मुस्कान कठिनाइयों पर वैसे ही काम करती है जैसे सूरज बादलों
एक मुस्कान कठिनाइयों पर वैसे ही काम करती है जैसे सूरज बादलों
ललकार भारद्वाज
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
आप विषय पर खूब मंथन करें...
आप विषय पर खूब मंथन करें...
Ajit Kumar "Karn"
घर :,,,,,,,,
घर :,,,,,,,,
sushil sarna
कैसे?
कैसे?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
gurudeenverma198
नहीं-नहीं प्रिये!
नहीं-नहीं प्रिये!
Pratibha Pandey
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
तुम ही कहती हो न,
तुम ही कहती हो न,
पूर्वार्थ
2965.*पूर्णिका*
2965.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय*
- अपनो की दिक्कते -
- अपनो की दिक्कते -
bharat gehlot
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
मुक्त पंथी
मुक्त पंथी
Mahender Singh
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
The Uncountable Stars
The Uncountable Stars
Buddha Prakash
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
Shubham Pandey (S P)
मेरे सपने
मेरे सपने
Saraswati Bajpai
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
Manisha Manjari
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
ख़्याल आते ही क़लम ले लो , लिखो तुम ज़िंदगी ,
Neelofar Khan
जिंदगी सभी के लिए एक खुली रंगीन किताब है
जिंदगी सभी के लिए एक खुली रंगीन किताब है
Rituraj shivem verma
#तुलसी महिमा
#तुलसी महिमा
Rajesh Kumar Kaurav
आक्रोश प्रेम का
आक्रोश प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
Loading...