Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2023 · 1 min read

जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।

जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा,
ये नियति हंस कर देख रही, कि कल काल तुझे समझायेगा।
निंदनीय शब्दों की तीखी तलवार, तू आज औरों पर चलाएगा,
तेरे शब्दों से गूंजेगा ब्रह्मांड आज, और कल घर को तेरे हीं गुंजाएगा।
मिथ्या अहम् और स्वार्थ को जो तू, सर पर खुद के सजायेगा,
इक दिन स्वयं घमंड तेरा, तेरे शीश को काट गिरायेगा।
आँखों में तेरी स्वयं लज्जा नहीं और, सवाल चरित्रों पर उठाएगा,
घर में तेरे भी दो फूल खिले, कोई उस पर भी घात लगाएगा।
गीली मिट्टी की मूरत के हृदय को, तू आज विचारशून्य हो तरपायेगा,
कल तेरे अश्रु भी तेरी आँखों से नजरें चुरायेगा।
विचलित मन की पीड़ा का तू, मनोरंजन आज बनाएगा,
कल स्वांग बनेगा तेरा भी और ठगा सा तू रह जाएगा।
कर्म का लेखा ऐसा है, जो देगा वापस आएगा,
वो ईश्वर रिश्वतखोर नहीं, जो तेरे कर्मों पर पर्दा गिरायेगा।

2 Comments · 297 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

"विद्या"
Dr. Kishan tandon kranti
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
Monika Arora
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
सोनू हंस
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन जितना होता है
जीवन जितना होता है
Dr fauzia Naseem shad
Yade
Yade
Iamalpu9492
वक़्त
वक़्त
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
- परिवार आज कल टूट रहा -
- परिवार आज कल टूट रहा -
bharat gehlot
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
Ashwini sharma
तुम दरिया हो पार लगाओ
तुम दरिया हो पार लगाओ
दीपक झा रुद्रा
ज़िंदगी तुझसे कहां जी भरता है
ज़िंदगी तुझसे कहां जी भरता है
Kanchan verma
SKY88 luôn đảm bảo các giao dịch của bạn được thực hiện nhan
SKY88 luôn đảm bảo các giao dịch của bạn được thực hiện nhan
SKY88
इंटरनेट
इंटरनेट
Vedha Singh
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
Er.Navaneet R Shandily
अंधभक्ति
अंधभक्ति
मनोज कर्ण
बड़े ही खुश रहते हो
बड़े ही खुश रहते हो
VINOD CHAUHAN
श्रीराम कृपा रहे
श्रीराम कृपा रहे
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन में हलचल सी उठे,
मन में हलचल सी उठे,
sushil sarna
Happy new year 2024
Happy new year 2024
Ranjeet kumar patre
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
2830. *पूर्णिका*
2830. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
।। मौन मोहन, मन मोहन सिंह ।।
।। मौन मोहन, मन मोहन सिंह ।।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भारती के लाल
भारती के लाल
पं अंजू पांडेय अश्रु
एक ही पक्ष में जीवन जीना अलग बात है। एक बार ही सही अपने आयाम
एक ही पक्ष में जीवन जीना अलग बात है। एक बार ही सही अपने आयाम
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय*
- शेखर सिंह
- शेखर सिंह
शेखर सिंह
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
sudhir kumar
Loading...