शख़्सियत तो आनी-जानी है, परन्तु फ़ितरत की शाश्वतता एक अचल कहानी है। अभय, एक सफल हृदय रोग विशेषज्ञ! छोटे-छोटे पलों को जीवंत करने और मुस्कराहट के परदों में आंसुओं को...
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शख़्सियत तो आनी-जानी है, परन्तु फ़ितरत की शाश्वतता एक अचल कहानी है।
अभय, एक सफल हृदय रोग विशेषज्ञ! छोटे-छोटे पलों को जीवंत करने और मुस्कराहट के परदों में आंसुओं को भी, देखने में माहिर व्यक्तित्व का सीधा, सरल एवं सुलझा हुआ व्यक्ति। जिसके जीवन में सर्वाधिक महत्त्व उसके परिवार एवं अस्पताल में रोगों से लड़ते हुए उसके मरीज हैं।
मीरा, अपने माता-पिता की एकमात्र खुशी एवं उम्मीद। एक सफल एवं ईमानदार आर्किटेक्ट इंजीनियर, पर स्वभावतः बेहद हीं संवेदनशील। लोगों की मदद करने को सदैव आतुर रहना भी जिसके व्यक्तित्व का एक प्रमुख गुण है। परन्तु अपने अतीत में कुछ इस तरह उलझी हुई की वर्तमान में भी उसे शून्यता के अलावा और कुछ नहीं दिखता।
लक्षित, एक सिविल इंजीनियर। जो अपने जीवन में आयी उथल-पुथल को संभालने में असमर्थ हुआ। और परिणामतः अवसाद का शिकार हो, मृत्यु के मुख तक पहुँच गया। स्वभावतः एक सहज एवं हसमुख व्यक्तित्व का युवा, जिसने अपने जीवन में प्रेम को सर्वोच्च माना और अपना जीवन तक प्रेम को समर्पित कर दिया।
ये तीन पृथक-पृथक व्यक्तित्व के लोगों की राहें जब एक-दूसरे से टकराती हैं, तो प्रेम, मित्रता और छल की एक अलग कहानी समक्ष चली आती है। नज़रें तो वही रहतीं हैं, परन्तु नज़ारे में विविधता आती है, समय के उतार-चढ़ाव में बस फ़ितरत हीं रंग दिखाती है।
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