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About the book
ग़ज़ल में व्यक्तिगत और सामाजिक दर्द, इश्क़, सुकून, प्रेरणा, संभावना, आशा, प्रकृति के प्रति चिंतन, देश-भक्ति, उलझन, सुलझन सभी मनोभावों को समाहित करने की ताक़त है। 'प्रीतम का नज़राना' ग़ज़ल-संग्रह... Read more
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