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About the book
एहसास और संवेदनाएं लहर बनकर जब मनरूपी समंदर की गहराईओं में उतरती हैं और फिर शब्द के साहिलों से आकर मिलती हैं तब कहीं जाकर एक कविता जीवंत रूप लेती... Read more