"जिंदगी" मनुष्य को प्रकृति द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार है, जिसकी खूबसूरती को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, यह और भी खूबसूरत बन जाती है, जब निरपेक्ष भाव से...
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“जिंदगी” मनुष्य को प्रकृति द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार है, जिसकी खूबसूरती को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, यह और भी खूबसूरत बन जाती है, जब निरपेक्ष भाव से एक-दूजे का ख्याल रखते हुऐ हम किसी से मिलते हैं, बात करते हैं, कुछ पल साथ व्यतीत करते हैं, तब वे मधुर पल, हमारी जिंदगी को एक खुशनुमा अहसास से भर देते हैं, खुशी का यही भाव हमारी जिंदगी को खूबसूरत बनाता है, हम सभी जानते हैं, कि स-शरीर हम आज हैं, कल नहीं रहेंगे, फिर भी-हम किसी की यादों में, किसी के वादों में, किसी के दिल में, किसी के दिमाग में, किसी के ख्यालों में, किसी के ख्वाबों में जिंदा रहेंगे।
“तब यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हमने अपने संपूर्ण जीवन काल में ज़िन्दगी को किस अंदाज में ज़िया है।”
”वास्तव में वे जन जो किसी के कठिन समय में साथ देकर, तन्हाई में साथी बनकर, रुसवाई में सहाई बनकर जीते हैं, सही मायने में वही प्रकृति के इस खूबसूरत उपहार जिसे ज़िन्दगी कहते हैं, को सच्चे अर्थों में सार्थकता प्रदान करते हैं।” इन्हीं विचार-बिन्दुओं को स्वयं में समेटे हुए मेरी चुनिंदा रचनाएं “साहित्य पीडिया के सौजन्य से” पुस्तक के रूप में प्रस्तुत हैं… सुनील सुमन 🙏
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