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23 Jan 2024 · 2 min read

!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!

जब थाम के मेरी ऊँगली को, तू धीरे से मुस्काया था,
जब लेकर तुझको गोद में मैं, सबसे पहले इतराया था,

तब मैं जाकर पहली बार, तात तेरा कहलाया था,

जब तेरे अक्स नें मुझको मेरे अक्स से यूँ मिलवाया था
तब पहली बार को सच में मैं, तात तेरा कहलाया था

जब तुझको ख़ुद की पीठ बिठाकर, आँगन में खूब घुमाया था,
तब सारे परिवार में मैं, तात तेरा कहलाया था,

जब तेरी ऊँगली थाम के मैंने, चलना तुझे सिखाया था
तब ख़ुद से ख़ुद को मैंने, तात तेरा कहलाया था

तुझको याद नहीं होगा जब, लिखना तुझे सिखाया था
तब शायद पहली बार कहीं मैं तात तेरा बन पाया था

अब तू थोड़ा बड़ा हो गया, चलना ख़ुद से आता है
छोड़ के मेरी ऊँगली को, तू ख़ुद स्कूल को जाता है

ख़ुद से सोच समझ कर तू, अब मुश्किलों को दूर भगाता है
ख़ुद से जीना सीख सीख कर, मंज़िल पर कदम बढ़ाता है

अब नया जोश है, नए हैं सपनें और उम्मीदें ढेरों सी हैं
मुझको भी तेरे सपनों को पूरा करना जिद सी है

जब तेरी सारी खुशियों से तेरा दामन भर पाऊँगा
तब जाकर शायद ख़ुद को मैं तात तेरा कह पाऊँगा

तेरी हर कठिन ड़गर पर मैं, जब फूलों सा बिछ जाऊँगा
तब ख़ुद से ख़ुद को मैं कहीं, तात तेरा कह पाऊँगा

तेरे सपनों के खातिर मैं इस जग से भी लड़ जाऊँगा
तेरी हर एक ख़ुशी को मैं अपना हर लक्ष्य बनाऊंगा

तुझको भी होगा फक्र कभी, जब ये जज़्बात बताऊँगा
उस खुदा की महफिल में भी तब, मैं तात तेरा कहलाऊँगा ।

!! आकाशवाणी !!

Language: Hindi
237 Views

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