Posts Tag: प्रकाश की कविताएं 113 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Buddha Prakash 13 Jun 2025 · 1 min read सामाजिक विरासत सामाजिक विरासत होनी चाहिए, सार्वजनिक होनी चाहिए, विकास अगली पीढ़ी का, विश्वास के साथ बढ़ता है सदा, नष्ट नहीं करो तुम इसको, सामाजिक विरासत का हिस्सा तुम बनो, आने वाले... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 73 Share Buddha Prakash 5 Jun 2025 · 1 min read जीवन के परिंदे जीवन के परिंदे, उड़ता तू चल, हालत को मेरे तनिक गौर तो कर, किस्मत का मारा हूँ या, अपने दुःख से हारा हूँ। जीवन के परिंदे, उड़ता तू चल।। हवाओं... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 98 Share Buddha Prakash 26 May 2025 · 1 min read कहता सुखी बहुत है यार। कितनी तकलीफें झेल कर, जीता है हर इंसान, कहने की ये बात है बस, कहता सुखी बहुत है यार। दिन में जागे रात में सोया, सुख दुःख का पाया है... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 215 Share Buddha Prakash 21 May 2025 · 1 min read नाम तेरा बाबा साहेब सबको बतलाएंगे। बाबा साहेब तेरे नाम का, चिराग हम जलाएंगे, रोशन इस जग को हम भी कर जाएंगे, नाम तेरा बाबा साहेब सबको बतलाएंगे। तुमने जो दिया है शिक्षा का मौका, उसी... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 3 133 Share Buddha Prakash 21 Apr 2025 · 1 min read तोड़ दो हताशा से नाता इतने हताश होते हो क्यों ? जग में रह कर रोते हो क्यों? सृष्टि तो अविनाशी है, सकल निरंतर बढ़ती है यूँही। निस दिन होता,रात और दिन, नवल सवेरा शुभ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 100 Share Buddha Prakash 5 Apr 2025 · 1 min read थोड़ा सा झुक जाने से। कुछ समीप आने पर, कुछ रुक जाने पर, बहुत से काम बन जाते है, थोड़ा सा झुक जाने से। मन के बैर टूट जाते है, आपस के रिश्ते जुड़ जाते... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 115 Share Buddha Prakash 3 Apr 2025 · 1 min read तिरंगा लहराता हुआ झंडा अपना अभिमान है। खूब मनाओ तीज त्यौहार, खूब बढ़ाओ अपने संस्कार, ये संस्कृति ही अपनी जननी है, भूलना न मातृ भूमि का प्यार। दौलत शोहरत के चक्कर में, सौदा न करना अपने संस्कृति... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 122 Share Buddha Prakash 1 Apr 2025 · 1 min read रोग हानिकारक होत है ! रोग ,ये हानिकारक होत है! बोझ से अधिक,मानसिक बोझ सोच है, पीड़ा , भय, अनिद्रा,अशांति,और तनाव अनेक है, ये रोग भी भारी दुःख है । रोगी बन जाता है वो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 118 Share Buddha Prakash 27 Mar 2025 · 1 min read मुद्दा मुद्दे की बात बिगड़ जाए जब, ये मुद्दा कहाँ से पकड़ के लाए, छोड़ो सब है बेकार की बातें, किसी और मुद्दे में बात चलाए अब। मुद्दा क्या है? क्या... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 1 167 Share Buddha Prakash 25 Mar 2025 · 1 min read क्या बोले थे तुम ! बहुत बुरे हो तुम ! छोड़ के जो मुझे जा रहे हो, भर भर के आंखों में आँसू, मुझे तुम रुला रहे हो। सोचा नहीं था मैने, प्रीत का बंधन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 230 Share Page 1 Next