Posts Tag: कहानी 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next जय लगन कुमार हैप्पी 26 Jun 2019 · 4 min read घर की इज्जत आज के समय में मैं एक ऐसे मुद्दे को आवाज देने जा रहा हूँ। जिसकी जरूरत हर किसी को है। आज मैं यह देख रहा हूं कि आज कि समाज... Hindi · कहानी 2 1k Share Roshan Jha 28 Jan 2021 · 25 min read राष्ट्रीय कैडेट कोर पर परिचर्चा 15-05-2020 शुक्रवार 08:35 कविता :-16(32) आलेख -: राष्ट्रीय कैडेट कोर पर परिचर्चा ।:- राष्ट्रीय कैडेट कोर (National Cadet Corps-NCC) की स्थापना 16 जुलाई 1948 में पण्डित ह्रदयनाथ कुजरू जी के... Hindi · कहानी 1 1k Share जयति जैन 'नूतन' 8 Jan 2017 · 5 min read गलती का एहसास- कहानी " रिश्ते-नाते तोड दीये" - मुकदमा एकसाल तक चला। आखिरकार करुण और समता में तलाक हो गया। तलाक के कारण बहुत मामूली थे। पर मामूली बातों को बड़ी घटना में... Hindi · कहानी 1 1k Share राजेश बन्छोर 10 Oct 2021 · 3 min read इंतजार उत्सव का नागपुर से मेरी ट्रेन रफ्ता-रफ्ता आगे की ओर बढ़ने लगी. मेरे बगल में एक लड़की भी सफर कर रही थी. वह अपने मामा के घर जा रही थी. ट्रेन अगले... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 1k Share राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी 18 Aug 2016 · 3 min read भारतीय संस्कृति का अनुपम पर्व= रक्षाबन्धन भारतीय संस्कृति का अनुपम पर्व= रक्षाबन्धन रक्षाबन्धन भारतीय संस्कृति का प्रमुख पर्व है ,/यह पर्व भाईचारा , विश्वबंधुत्व का संदेश देते हुये आत्मविश्वास ,और बहन की रक्षा का दृढ संकल्प... Hindi · कहानी 1k Share Ranjeet Kumar 5 Jan 2022 · 4 min read आपबीती भाग-१ आप बीती जानने से पहले ‘आप’ के बारे में जानना जरुरी है क्यूँकि बिना ‘आप’ को जाने उसकी आप बीती समझ ही नहीआएगी तो आप यानी मैं रणजीत कुमार हूँ... Hindi · कहानी 1k Share Farhat Ali Khan 30 Nov 2021 · 3 min read “म्युनिसिपालिटी” क्या ख़ूब कहा है भारतेंदु ने: 'यही तिहवार ही तुम्हारी म्युनिसिपालिटी है।’ कल त्योहार है। मैं देख रहा हूँ, जहाँ-जहाँ तक मेरी नज़र जा रही है, सड़कें साफ़ सुथरी हैं,... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1k Share Shashi kala vyas 7 Jul 2021 · 4 min read *"बुढ़ापे की लाठी"* *"बुढ़ापे की लाठी"* चौरासी लाख योनियों में जन्म मरण का चक्कर चलता ही रहता है एक आत्मा से दूसरी आत्माओं में प्रवेश करने के लिए ये मानव शरीर मिलता है।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 1k Share नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam) 30 May 2023 · 6 min read एक हैसियत सागर किसी तरह अपने कपड़े झाड़कर खड़ा हुआ। उसने महसूस किया कि उसके घुटने मोड़ने या सीधे करने पर दर्द का चनका उठता था। एक चक्की के टूटे हुए दो... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 8 8 1k Share Dr. Kishan Karigar 13 Oct 2021 · 7 min read संघर्ष की दास्तां का उत्सव एक छोटे से कस्बे की दिप्ती के उपर मानो दु:ख का पहाड़ टूट परा हो. हर एक पल उदास सी रहती और उसे हमेशा एक डर सा बना रहता था... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 1k Share आनन्द विश्वास 7 Oct 2016 · 8 min read *स्कूल पिकनिक* जिस दिन बच्चों को पढ़ना न पड़े और मौज-मस्ती, सैर-सपाटा करने का मौका मिले, उस दिन से अच्छा दिन और कौन-सा हो सकता है, बच्चों के लिए। पूरा का पूरा... Hindi · कहानी 1k Share Khushboo Khatoon 7 Jul 2021 · 4 min read सपनों की दास्ताँ एक समय की बात है। गाँव के एक छोटे से कोने में दीपक और कमला नाम के एक गरीब दम्पती रहते थे। वे उस गाँव में सबसे गरीब थे ।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 10 1k Share Darshna Jain 6 Jul 2021 · 3 min read जादुई मंत्र " क्या हुआ आज सुबह से मुंह क्यों लटका रखा है।भई आज तो तेरे लाड़ले पोते देवेश का जन्मदिन है ,तो कोई तैयारी नहीं कर रही "चाय पीते हुए रमेश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 13 min read माँ — फ़ातिमा एक अनाथ बच्ची ''सूरा—40 अल-मोमिन," पवित्र कुरआन को माथे से लगाते हुए उस्ताद अख़लाक़ ने कहा, 'शुरू नामे-अल्लाह से। जो बड़ा ही मेहरबान और निहायत ही रहम करने वाला है। यह पवित्र कुरआन... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 36 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Dec 2021 · 6 min read महक - कहानी महक - कहानी किसी गाँव के एक ओर मुहाने पर एक झोपड़ी जिसमें परिवार में कुल तीन लोग रहते हैं बुधिया , उसकी पत्नी रामवती और बेटी महक | एक... Hindi · कहानी 10 20 1k Share raja singh 8 Jul 2021 · 7 min read प्रतिबद्ध सीता छोटी बच्ची को गोद में चिपकाये और एक हाथ से मुन्ना को अपने से सटायें, अंदर दरवाजे के पास खड़ी चिंतित, विभ्रांत रघु की राह तक रही थी.बहुत देर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 5 1k Share निर्मला कपिला 2 Jul 2016 · 11 min read कहानी------ कर्जदार कर्ज़दार--कहानी "माँ मैने तुम्हारे साम्राज्य पर किसी का भी अधिकार नही होने दिया इस तरह से शायद मैने दूध का कर्ज़ चुका दिया है"---- प्रभात ने नम आँखों से माँ... Hindi · कहानी 3 1k Share Rani Singh 30 Jul 2020 · 3 min read आजादी का सुख "अरी बहन चमेली, तुम्हारे पत्ते आज मुरझाए-से क्यों लग रहे हैं?" बरामदे पर रखे गमले में शान से खड़े गुलाब के पौधे ने क्यारी में खड़े चमेली के पौधे से... Hindi · कहानी 2 2 1k Share मोहित शर्मा ज़हन 18 Jul 2022 · 16 min read महाराणा प्रताप और बादशाह अकबर की मुलाकात ध्यान दें - ये उस कालखंड और तब हुई घटनाओं के अनुसार लिखी एक काल्पनिक कहानी (Historical Fiction) है। पराक्रम से गूंजा ये गगन, थर-थर कांपे जिससे दुश्मन, सिंह के... Hindi · कहानी 1 1k Share Buddha Prakash 14 Jul 2021 · 4 min read मिठाई मेहमानों को मुबारक। आहे! भरती हुई ,तेज धूप से बचती हुई, गली से घर की ओर बढ़ रही थी सुमन। सिर पर दुपट्टा ओढ़े बगल में पर्स दबाकर और एक हाथ में विद्यालय... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 14 1k Share Dr. Pradeep Kumar Sharma 25 Oct 2018 · 4 min read खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी) खुशियों का बीमा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बात ही निराली है। यहाँ मानव जीवन का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमेँ धर्म और अध्यात्म की घुसपैठ न हो।... Hindi · कहानी · त्रिया चरित्र · बीमा · व्यंग्य · साम दाम दण्ड भेद 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Oct 2021 · 3 min read दो दोस्त – कहानी दो दोस्त – कहानी एक गाँव में दो दोस्त रहा करते थे नाम थे विमल और राज | दोनों ही मध्यम वर्ग के परिवार से सम्बंधित थे | वैसे घर... Hindi · कहानी 9 22 1k Share Dr. Kishan Karigar 27 Sep 2021 · 2 min read कठमूल्लेपन के नाम एक फतवा (हास्य कटाक्ष) कठमूल्लेपन के नाम एक फतवा (हास्य कटाक्ष) चाचा जान अपनी अधपकि दाढ़ि खजुआते हुए बोला क्यों कारीगर मियाँ ये कौमी एकता के जद्दोजहद मे लगे रहते हो? क्या लोग मान... Hindi · कहानी · फ्रीस्टाइल हास्य-व्यंग्य 1 1k Share Abha Mishra 10 Jul 2021 · 1 min read मेहनत का फल मीठा राम गाँव से शहर में पढ़ाई करने आया था। पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं थी।राम कक्षा छः का विद्यार्थी था।राम के पिता ने पास के विद्यालय में दाखिला दिला दिया था।विद्यालय... Hindi · कहानी 3 1 1k Share Acharya Rama Nand Mandal 4 Oct 2021 · 3 min read प्रेम के जीत। प्रेम के जीत। एगो गांव में युवती मैथिली आ युवक रार के घर रहे। मैथिली देखें में खुब सुन्नर रहे।५फीट ३इंच के कद रहै। दूधिया रंग ,नागीन सन केश,चान सन्... Maithili · कहानी 2 2 1k Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 16 May 2023 · 4 min read " सुर्ख़ गुलाब " आज गुलाब की टहनी कुछ उदास है.. भँवरे भी कुछ अनमने से इधर उधर घूम तो रहे हैं लेकिन वह गुँजारने को आमादा नहीं दिखते। तितलियां भी मानो आज नृत्य... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 61 95 1k Share Varun Singh Gautam 13 Aug 2021 · 6 min read मां की मर्म ममता ( कहानी ) रतनपुर नामक गांव में एक विधवा मां अपने बेटे के साथ घर में रहता था। बेटा अभी सात वर्ष का ही था, जिसका नाम सुशील था। अपने बेटे को पढ़ाना... Hindi · कहानी 1 1k Share Naval Pal Parbhakar 20 Mar 2017 · 18 min read बीती बातें बीती बातें बहुत दिनों के बाद आज गांव की याद आने लगी हैं। काम की व्यस्तता के कारण मैंने पन्द्रह साल शहर में गुजार दिए। शहर में सारी मूलभूत सुविधाऐं... Hindi · कहानी 1k Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 3 Aug 2021 · 2 min read कमर पर हाथ रखे, विष्णु के अवतार श्री विठ्ठल क्या संदेश देते है - आनंदश्री कमर पर हाथ रखे, विष्णु के अवतार श्री विठ्ठल क्या संदेश देते है - आनंदश्री महाराष्ट्र के संत तुकाराम ने भगवान विठ्ठल को अपने अभंग में बताते है कि "... Hindi · कहानी 1k Share raja singh 8 Jul 2021 · 19 min read त्रिकोण कभी कभी कुछ ऐसा होता है कि जिसमे दो में किसी का दोष नहीं होता है परन्तु वे एक दुसरे के विपरीत हो जाते है.वसु को जब कभी इस शहर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 1k Share राजेश 'ललित' 2 Jul 2021 · 4 min read 'निकम्मा' निकम्मा -------------------------- राधेश्याम सरकारी नौकरी से रिटायर हो कर तकिये पर सिर रख कर छत को निहारते हुये सोच रहा था कि चलो सारी ज़िम्मेदारियों से मुक्त होकर अब कुछ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 13 14 1k Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-20💐💐 26-वे झरने कितने सुखद तरीके से बहते हैं न।झर झर करके।झरनों के गिरने से टकराई वायु भी शीतल हो जाती है।वह कितनी निर्दोष होती है।नथुनों को शांति देती हुई मन... Hindi · कहानी 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Dec 2021 · 3 min read समय की कीमत – कहानी समय की कीमत – कहानी नलिनी एवं प्राची दोनों पक्की सहेलियां थी | दोनों एक ही कक्षा में पढ़ाई कर रही थी | इस समय दोनों कक्षा आठवीं में थीं... Hindi · कहानी 3 10 1k Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 17 Apr 2022 · 3 min read 💐💐प्रेम की राह पर-16💐💐 30- जानते हो तुम्हारी शब्दों की शीतल अग्नि मेरे शरीर को दाह दे रही है।तुम्हारी ओर से आने वाली स्मृति इसके ईंधन के कर्तव्य को बख़ूबी निभा रही है।तुम्हारा निश्चिन्त... Hindi · कहानी 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Nov 2021 · 5 min read नव उत्सव का आगमन नव उत्सव का आगमन _____________________________________ "अमन इस बार कोई बहाना नहीं चलेगा, इस बार नवरात्रि में वैष्णव देवी दर्शन करने हम सभी चल रहे हैं और दशहरे के रोज बनारस... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 1 1k Share सगीता शर्मा 19 Mar 2017 · 1 min read नमन माता पिता को नमन माता पिता को. ?????????? नमन जो हम करे उनको तो जीवन पार लग जाये. नमन जो हम करे उनको तो जीवन पार लग जाये. सुनो माँ बाप से बड़... Hindi · कहानी 1k Share Seema gupta,Alwar 26 Oct 2021 · 4 min read बहु भी बेटी रामू काका !बहू को नीचे बुलाओ। मेम साहब बहू घर पर नहीं है उनको बाहर गए तीन घंटे हो गए। रामू काका की बात सुनकर शालिनी गुस्से में बोली-क्या !!!...बहू... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Jul 2021 · 9 min read मौसी माँ मौसी माँ "हेलो!.." "हेलो! समधन जी ! कैसी हैं आप ?" "बस ठीक ही हूँ । आप कहिये , आप कैसी हैं और बाकी सब घर में कैसे हैं ?"... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 3 1k Share D.R. RAJAK 9 Oct 2021 · 11 min read बदनाम माँ आपका जैसा निर्णय है शकुन ! पर शकुन की समझ में कुछ न आ रहा था - ‘‘जानती हो इसका परिणाम? सर ! मैं जो कह रही, सोच विचार कर... Hindi · कहानी 3 2 1k Share Dr. Kishan Karigar 22 Sep 2021 · 6 min read दाम दिगर (हास्य कथा) dam digar- kishan karigar दाम-दिगर (एकटा हास्य कथा) टूनटून राम टनटनाईत बाजल कहू त एहनो कहूॅं दाम दिगर भेलैयए जे दोसर पक्ष वला के तऽ दामे सुनि केॅं चक्करघूमी लागि... Maithili · कहानी 3 3 1k Share Anamika Singh 1 Jun 2022 · 6 min read धोखा यह कहानी एक ऐसे दर्द को बयान करती है जिसे प्यार में धोखा और सिर्फ धोखा ही मिला। रिशतों के नाम पर सब बेवफा ही मिला। यह कहानी सबिता की... Hindi · कहानी 4 5 1k Share manan singh 20 Nov 2016 · 1 min read चोर(लघु कथा) चोर(लघु कथा) ************ गाँव में चोरों का प्रकोप बढ़ रहा था। लोग परेशान थे।आये दिन किसी-न-किसी घर में चोरी हो जा रही थी। ग्राम प्रधान ने नई योजना बनाई। पूरा... Hindi · कहानी 1k Share Renu Bala 16 Jul 2021 · 2 min read पूत सपूत काहे धन मैंने सुना है *पूत सपूत काहे घन संचय, पूत कपूत काहे ....* ये कथन सारे का सारा आधे अधूरा है, हम भी किसी के संतान है, हमारे भी संतान है,और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 8 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Nov 2017 · 8 min read बेबस पिता (कहानी) ★★★ बेबस पिता ★★★ °°°°°°°°°●●●°°°°°°°°°° कितना खुश था पिता ; जब पहली बार देखा था अपने पुत्र का चेहरा जैसे दुनिया की सारी खुशी एक ही पल में उसके अन्तस... Hindi · कहानी 1 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 May 2023 · 3 min read दो दोस्त - कहानी दो दोस्त – कहानी एक गाँव में दो दोस्त रहा करते थे नाम थे विमल और राज | दोनों ही मध्यम वर्ग के परिवार से सम्बंधित थे | वैसे घर... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 15 19 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Oct 2021 · 2 min read नवरात्रि सूबेरपुर ग्राम में जमींदार अपनी पत्नी नैना और पुत्र सोहन तथा बहू सुमिरन सहित रहते थे । दिन प्रतिदिन की जिन्दगी भलीभांति चल रही थी , जमींदार ने बेटे का... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 81 24 992 Share धीरेन्द्र वर्मा "धीर" 13 Jul 2021 · 2 min read मेरी जिज्ञासा यात्रा का जब भी नाम आता है कहीं न कहीं सभी के मन में एक जूनून, कौतूहल, उत्सुकता सी उत्पन्न हो जाती है और जैसे ही यात्रा समाप्त होती है,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 1k Share Khushboo Khatoon 15 Jul 2021 · 3 min read दो बकरों की दोस्ती दो अलग-अलग गाँवों में सोनू और टॉम नाम के दो बकरे अपने परिवार के साथ रहते थे,परंतु दोनों बकरे अपने परिवारिक स्थिति से नाखुश थे। सोनू अपने माँ और दो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 10 960 Share Umesh Kumar Sharma 8 Aug 2020 · 7 min read अमूल्य बाबू अमूल्य बाबू अपने आप में एक शिक्षा संस्थान थे। गांव से निकले अधिकांश होनहार छात्र उनके मार्गदर्शन और ट्यूशन क्लास से होकर ही किसी न किसी वक़्त में गुज़रे ही... Hindi · कहानी 4 6 987 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Jul 2021 · 4 min read शक (कहानी) बहू क्या ढूंढ रही हो? सुबह से पूरा घर उलट पलट कर रख दिया है? कुछ नहीं माता जी क्या बताऊं मेरे कंगन नहीं मिल रहे, मैंने सब जगह देख... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 6 1k Share Previous Page 2 Next