Dr. Pratibha Mahi 108 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Pratibha Mahi 31 May 2023 · 2 min read भगवा है पहचान हमारी करे राज हिंदुत्व हमारा, वक्त बदलना चाहिए..! अगर लाल भारत माँ के हो, रक्त उबलना चाहिए....! विजय विश्व की शपत उठाओ, नाज़ करे भारत भूमि...! चले विश्व पर सत्ता अपनी,... Poem · देशभक्ति गीतिका · बन्देमातरम · वीर रस · हिन्दुत्व हमारा नारा है 3 432 Share Dr. Pratibha Mahi 23 Jan 2023 · 1 min read वक़्त ने करवट क्या बदली...! वक़्त ने.... करवट क्या बदली....? सब नज़ारे ही बदल गए.. ! एक वक़्त था... तू अपना सा लगता था....! तुझे.... मांगा था हमने...! कुदरत की फ़िज़ाओं से.... हवाओं से.... घटाओं... Hindi · करवट · तू अपना सा लगता था · वक्त करवट बदलेगा 2 394 Share Dr. Pratibha Mahi 16 Jan 2023 · 1 min read समय को दोष देते हो....! मुहब्बत की ख़ता की है, बता हमने बिगाड़ा क्या...! समझते क्यूँ नहीं हमको, हमी को दोष देते हो...! नहीं रुकते बदलते हो, क्यूँ बार-बार ये मंज़िल...! सँभलना ख़ुद नहीं भाता,... Hindi · कविता · खुदा · समय 2 342 Share Dr. Pratibha Mahi 11 Jan 2023 · 1 min read तुझसे मिलकर बिछड़ना क्या दस्तूर था (01) ग़ज़ल तुझसे मिलकर बिछड़ना क्या दस्तूर था। मैं भी मज़बूर थी तू भी मज़बूर था।। इश्क़ तो था दोनों तरफ़ जहन में । यार चेहरे पे कैसा गज़ब नूर था।।... Hindi · इश्क़ · ग़ज़ल · दस्तूर 2 414 Share Dr. Pratibha Mahi 13 Dec 2022 · 1 min read रात उसको अब अकेले खल रही होगी ग़ज़ल ******* बात उसके जेहन में कुछ चल रही होगी रात उसको अब अकेले खल रही होगी खौफ उसका प्रीत को क्या आज़माएगा मूंग छाती पर खड़ी वो दल रही... Hindi · Gazal ग़ज़ल 1 304 Share Dr. Pratibha Mahi 3 Dec 2022 · 1 min read अलविदा मौत को हम गले से लगाकर चले । कुछ तो पाकर चले कुछ लुटाकर चले ।। हो चले अलविदा हम वतन के लिए । दीप खुशियों के घर घर जलाकर... Hindi · कविता · मुक्तक 1 356 Share Dr. Pratibha Mahi 1 Jul 2022 · 2 min read तनिक पास आ तो सही...! तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही...! तेरा डर क्या है आकर बता तो सही....! तू डरता क्यूँ है....? तेरे मन से... हर डर .... न भगा दूँ तो... Hindi · कविता · तनिक · प्यार · प्रतिभा · माही 2 312 Share Dr. Pratibha Mahi 14 Jun 2022 · 2 min read काश....! तू मौन ही रहता.... तेरे लफ़्ज़ों ने..... बाँध बना कर.... तब्दील कर दिया मेरे प्यार को...... एक शान्त झील में....! सिर्फ़ पाँच शब्द बोलकर.....! काश.... तू मौन ही रहता.... तो शायद संभल जाता... मेरा... Hindi · कविता · प्यार · मौन 7 7 1k Share Dr. Pratibha Mahi 11 May 2022 · 1 min read तेरा पापा... अपने वतन में पापा की... लाड़ली बिटिया... पापा आपके पास ही हैं ...! दुखी मत हुआ कर... मेरी परी...! जब तू हँसती है.... मुझे बहुत अच्छी लगली है...! जब रोती है... तो... मेरा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · नज़्म 2 2 727 Share Dr. Pratibha Mahi 17 Apr 2022 · 1 min read पापा को मैं पास में पाऊँ जो भी कहना चाहते पापा बिन बोले कह जाते पापा उनके प्यार का अन्त न कोई उनके जैसा संत न कोई रिश्ता है एहसास का भाई अटल अज़ब विश्वास का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 12 15 716 Share Dr. Pratibha Mahi 17 Apr 2022 · 1 min read पिता तुम हमारे लाये जमी पर दिखाए नज़ारे जहाँ से हो प्यारे पिता तुम हमारे वो बचपन हमारा बड़ा ही सलौना जो माँगा था हमने वो पाया खिलौना सुनाई थी लोरी और काँधे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 12 18 522 Share Dr. Pratibha Mahi 25 Mar 2022 · 1 min read "कश्मीर फ़ाइल" फ़िल्म का दर्दनाक दृश्य - चन्द दोहों में दोहा 1)- दृश्य देखकर फ़िल्म का, समझो उनकी पीर। आतंकी के दौर में, कैसा था कश्मीर।। 2)- कश्मीरी पंडित सभी, निकाल दिए तत्काल। बचते-बचते रह गये, गये काल के गाल... Hindi · दोहा 3 1 196 Share Dr. Pratibha Mahi 1 Dec 2021 · 2 min read 17वां राष्ट्रीय वार्षिक अधिवेशन 2021 एम० के० साहित्य अकादमी पंचकूला द्वारा विराट कविसम्मेलन व डॉ० प्रतिभा माही की पुस्तक का लोकार्पण मुख्य: अतिथि: श्रीमती सविता आर्य जी (अध्यक्ष, नारी तू नारायणी उत्थान समिति, पानीपत) ,... Hindi · लेख 2 1 306 Share Dr. Pratibha Mahi 2 Oct 2021 · 1 min read राधे...!! आओ रास रचायें गीत ***** राधे...! आओ रास रचायें प्रेम करन की ऋतू आई है आओ--! हम भी झूमे गायें राधे...! आओ रास रचायें बैठो तो मैं तुम्हें निहारूँ जीवन का हर अक्स... Hindi · गीत 2 2 346 Share Dr. Pratibha Mahi 16 Sep 2021 · 1 min read पहला खत पहला खत लिक्खा तुझको, तुझसा कोई हमराज नहीं । ढूँढ ढूँढ कर हारी मैं तो , तुझसा कोई आज नहीं।। तेरे सम्मुख आकर हमने, राज सभी कह डाले हैं। बन्द... Hindi · कविता 1 1 342 Share Dr. Pratibha Mahi 16 Sep 2021 · 1 min read इश्क़ रुहानी चढ़ बोला अब इश्क़ रुहानी चढ़ बोला। इक द्वार अनौखा आ खोला।। आ बैठे तेरी कश्ती में । हम झूम रहे हैं मस्ती में।। हृदय बिच तेरा डेरा है। औ तू ही... Hindi · कविता 3 1 298 Share Dr. Pratibha Mahi 11 Sep 2021 · 1 min read बन्धन मैं तेरी प्यारी सी बहना प्यार तेरा है मेरा गहना दूर कभी जब मैं हो जाऊँ तुमसे मिलने आ ना पाऊँ मुखड़ा अपना मोड़ न लेना नाता भैया तोड़ न... Hindi · कविता · बाल कविता 2 512 Share Dr. Pratibha Mahi 11 Sep 2021 · 1 min read जागो अब तो लालन जागो उठ जाओ तुम कुछ तो बोलो भोर भई अब नैना खोलो जाग गए अब खग मृग सारे सूरज से हारे अंधियारे कण कण देखो महक उठा है सारा आलम चहक... Hindi · कविता · बाल कविता 3 342 Share Dr. Pratibha Mahi 11 Sep 2021 · 1 min read ऐनक जीने का गुन देती मैया , जीवन धन्य बनाती माँ। अवगुण दूर भगाकर सारे, मंजिल तक पहुँचाती माँ। जब कुछ नज़र न आये मुझको, माँ ऐनक बन जाती है। अंधकार... Hindi · कविता · बाल कविता 2 597 Share Dr. Pratibha Mahi 11 Sep 2021 · 1 min read बापू तू तो कल्पवृक्ष है दुनियाँ में तू लेकर आया, तू है मेरी फिदरत सा। बापू तू तो कल्पवृक्ष है, बिलकुल बूढ़े बरगद सा। सिर रख कर गोदी में जब, मैं आकर सो जाता हूँ।... Hindi · कविता · बाल कविता 1 445 Share Dr. Pratibha Mahi 11 Sep 2021 · 2 min read माँ बेटे का प्यारा किस्सा दूध पिलाकर सींचा माँ ने अपने दिल के टुकड़े को । देखो कैसे तरस रही है एक नज़र उस मुखड़े को । कैसे बीता बचपन उसका आओ तुम्हें बतायें हम... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 634 Share Dr. Pratibha Mahi 11 Sep 2021 · 1 min read दादा जी का पोता बन्दूक दिला देना मैया मैं फौजी बन जाऊँगा। दादा जी का पोता हूँ मैं कुछ करके दिखलाऊँगा। एक नया इतिहास रचूँगा अपने नन्हें हाथों से। सबके दिल पर राज करूँगा... Hindi · कविता · बाल कविता 2 3 755 Share Dr. Pratibha Mahi 9 Sep 2021 · 1 min read ख़्वाब उसी का गढ़ते हो ख़्वाब उसी का गढ़ते हो आना कानी करते हो हुस्न ग़ज़ब का है तेरा क्यूँ कहने से डरते हो रोज़ चकोरी की छत पर बिन मौसम ही झरते हो बात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 458 Share Dr. Pratibha Mahi 9 Sep 2021 · 1 min read कोई पास आया सवेरे-सवेरे ग़ज़ल दिया एक जलाया सवेरे-सवेरे कोई पास आया सवेरे-सवेरे सजा सेज कलियाँ लगीं गुदगुदाने हिया से लगाया सवेरे-सवेरे बतायें क्या तुमको कयामत क्या आयी लबों पर सजाया सवेरे-सवेरे छुआ जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 477 Share Dr. Pratibha Mahi 9 Sep 2021 · 1 min read मेरा दिलदार है अब तो ग़ज़ल वो जिस भी रूप में आये मुझे स्वीकार है अब तो करूँ इनकार कैसे मैं , मेरा दिलदार है अब तो उसी ने है गढ़ा मुझको उसी ने आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 424 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read लोरियां गाता है इश्क ये मुक्तक ****** छोटे बड़े हर शख्स को भाता है इश्क ये कुछ मौज में जब इस तरह आता है इश्क ये जब दर्द मीठा झेल माँ देखे है लाल को... Hindi · मुक्तक 1 510 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read लाड़ली शेर **** "छू बुलंदी भर उड़ाने बादलों को चीर कर , आसमां पर कब बिठा दे किसके घर की लाड़ली।" © डॉ० प्रतिभा 'माही' Hindi · शेर 1 550 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read रूहों का मिलन क्या कहूँ, कैसे कहूँ, क्या हो गया फिर से रूहों का मिलन अब हो गया मैं उसी में खो गयी जाकर कहीं दिल तो ख़ुद में हीं मगन अब हो... Hindi · मुक्तक 1 443 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read दिल बेईमान हो गया तेरे आने का यार मुझे भान हो गया तुझे पाकर के दिल बेईमान हो गया बड़ा सहमा हुआ सा, रहता था वो उसे जीने का फिर अरमान हो गया ©... Hindi · मुक्तक 1 406 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read गंगा के अस्तित्व में बाढ़ कोई भी हो, कैसी भी हो, अपनी दुर्गन्ध और गन्दगी, बिखेर ही जाती है....! वैसे ही, कुछ पल, कुछ लम्हें, अनगिनत रिश्ते, अजनवी लोग, अनजाने रास्तों पर, कई मोड़ों... Hindi · कविता 2 398 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read ईद का चाँद चाँद पूनम का बन...! तू उतरा प्रिये... चाँदनी बन.... मैं कदमों तले बिछ गयी....! खिल गया था.. हँसीं हर मन्ज़र वहाँ... आ तूने रखे थे.... जहाँ पर कदम.....! आहिस्ता-आहिस्ता ...... Hindi · कविता 3 440 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read तुम कब आओगे सावन की... फ़िज़ाओं के बीच .. मुहब्बत की सरिता में .... डुबकी लगाती... रेगिस्तान की तपते रेत सी .... तेरी अपनी ही दिलुरवा...! तप रही है... कनक की भाँति... जलते... Hindi · कविता 3 685 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read तेरी ही इक इबारत हूँ इश्क़ हूँ , इबादत हूँ , मोहब्ब्त हूँ , रहमत हूँ ख़ुदा की, क़यामत हूँ । दिल्लगी हूँ , आरज़ू हूँ , नज़ाकत हूँ , सौगात हूँ अमन की, अमानत... Hindi · कविता 2 397 Share Dr. Pratibha Mahi 8 Sep 2021 · 1 min read सिर्फ मेरे लिए बिन तेरे... भाती नहीं... जहाँ में सजती... चमचमाती चका चौंध.... मेरी नज़र को...! बिन तेरे... लुभातीं नहीं... जुगनुओं की भाँति.... टिमटिमाते सितारों से.... हरी भरी महफ़िलें भी....! गूँजती है कानों... Hindi · कविता 1 396 Share Dr. Pratibha Mahi 7 Sep 2021 · 1 min read मौत को हम गले से लगाकर चले मौत को हम गले से लगाकर चले । कुछ तो पाकर चले कुछ लुटाकर चले ।। हो चले अलविदा हम वतन के लिए । दीप खुशियों के घर घर जलाकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 6 394 Share Dr. Pratibha Mahi 7 Sep 2021 · 1 min read प्यार की शम्आं जलाकर चल दिया प्यार की शम्आं जलाकर चल दिया। आज फिर वो मुस्कुराकर चल दिया।। है भला अब क्या छुपा तुझसे मेरा। रुख से हर पर्दा उठाकर चल दिया।। भूल कर बैठे थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 586 Share Dr. Pratibha Mahi 6 Sep 2021 · 1 min read कवच नई इक नीव रखनी है ज़माने को जगाना है सुनो फलदार वृक्षों को, जतन कर अब बचाना है तले बैठे हो तुम जिनके , कभी मत काटना जड़ से कवच... Hindi · मुक्तक 2 396 Share Dr. Pratibha Mahi 6 Sep 2021 · 1 min read माटी का धड़ वक्त गया जो लौट न फिर वो आएगा माटी का धड़ माटी में मिल जायेगा वक्त रहे तू खुद को बंदे जान भी ले वरना फिर बैठा पीछे पछतायेगा ©... Hindi · मुक्तक 2 450 Share Dr. Pratibha Mahi 6 Sep 2021 · 1 min read निर्बल का बल तू ही मौला तू ही दाता , मन मेरा गुण तेरे गाता । तेरे बन्दे तुझको प्यारे , करतब उनके अदभुत न्यारे । दुनियाँ से कुछ चलते हटकर मन मौजी... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 603 Share Dr. Pratibha Mahi 6 Sep 2021 · 1 min read आशीष मस्तक तेरा यूँ हीं ऊँचा रहे हौसलों से बुलन्दी को छूता रहे वक्त के दौर में तू थके ना कभी ज़िन्दगी की राह में रुके ना कभी चीरकर आँधियों को... Hindi · कविता · बाल कविता 2 429 Share Dr. Pratibha Mahi 6 Sep 2021 · 1 min read जादू की झप्पी उदासी को देकर के जादू की झप्पी सुनो लाल थोड़ा सा तुम मुस्कुरालो मुहब्बत से उसकी कलाई पकड़ कर तनिक पास बैठो उसे जा मनालो भला तुमसे मिलने क्यूँ उतरी... Hindi · कविता · बाल कविता 2 418 Share Dr. Pratibha Mahi 6 Sep 2021 · 1 min read आरज़ू है बस ख़ुदा है फ़कत इक आरज़ू बस तेरी ही जुस्तजू और कुछ भाए नहीं याद कुछ आये नहीं राह से अनजान हम हैं निरे नादान हम रुख जिधर को भी करें पाँव... Hindi · कविता 4 2 515 Share Dr. Pratibha Mahi 6 Sep 2021 · 2 min read यौवन की दहलीज पे आकर ......कुछ परिवर्तन होते हैं गुड़िया रानी के हृदय का तुमको हाल बताते हैं एक पुराना किस्सा तुमको आओ आज सुनाते हैं....! (01) बारह वरस की नन्हीं गुड़िया समझ न पाई कुछ बातें इसी सोच... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 931 Share Dr. Pratibha Mahi 6 Sep 2021 · 1 min read आओ गायें हिन्दी गान आओ गायें हिन्दी गान राष्ट्रधर्म की है पहचान कवियों की है सखी सहेली सदा रहे नित नई नवेली ग्रन्थों में भी इसका नाम अज़ब अनोखे इसके काम दुनियां इसके गाती... Hindi · कविता 2 1 609 Share Dr. Pratibha Mahi 5 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी बोलो मत शरमाओ जग की राज दुलारी हिन्दी है भारत माता की बिन्दी हिन्दी बने विश्व की भाषा स्वाभिमान की हो परिभाषा हिन्दी को सम्मान मिले अब जन जन से बस मान मिले... Hindi · कविता 1 693 Share Dr. Pratibha Mahi 12 Jun 2021 · 1 min read सोची नहीं थी शेर ***** आज यार उनसे मुलाकात हो गई सोची नहीं थी वही बात हो गई © डॉ० प्रतिभा'माही' Hindi · शेर 2 331 Share Dr. Pratibha Mahi 12 Jun 2021 · 1 min read हम भी पगला से गये कह गया तू कर इबादत वो ख़ुदा माही मेरा रुख बदल कर चल पड़ा वो जो अनन्त आदी मेरा छोड़ दी पतवार मैंने बस इसी उम्मीद पर थाम लेगा आके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 495 Share Dr. Pratibha Mahi 12 Jun 2021 · 1 min read कहीं रिम झिम फुहारें हैं कहीं रिम झिम फुहारें हैं, कहीं तूफां का मंज़र है कहीं गुल खिलते उल्फत के, कहीं ग़म का समन्दर है है कुदरत ने विचारा क्या, कहें मनसूबे क्या उसके बरसता... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 5 3 435 Share Dr. Pratibha Mahi 10 Jun 2021 · 1 min read छम छम नाच रहीं हैं बूँदें छम छम नाच रहीं हैं बूँदें गातीं सरगम कानों में। मचल रहा है दिल उल्फ़त का कोयल कूँके बागों में । छम छम नाच रहीं हैं बूँदें......! कोलाहल करती है... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 4 516 Share Dr. Pratibha Mahi 10 Jun 2021 · 1 min read कहीं छाँव कहीं धूप कहीं छाँव कहीं धूप खिली है कहीं जोर से सावन बरसे कहीं दीप जलते खुशियों के कहीं दुखों का सागर उमड़े कहीं उजाला कहीं अँधेरा कहीं आँख से आँसू झरते... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 4 467 Share Page 1 Next