Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2021 · 1 min read

ऐनक

जीने का गुन देती मैया ,
जीवन धन्य बनाती माँ।
अवगुण दूर भगाकर सारे,
मंजिल तक पहुँचाती माँ।

जब कुछ नज़र न आये मुझको,
माँ ऐनक बन जाती है।
अंधकार को चीर के मैया ,
ज्योति सी जल जाती है।

हर मुश्किल को दूर भगाए ,
पल में राह दिखाए माँ ।
शिक्षक बन कर बात बात पर,
अच्छा सबक सिखाये माँ।

शीश उठा कर जिऊँ जहाँ में,
माँ ने मुझे सिखाया है।
दया भाव और त्याग प्रेम का ,
माँ ने पाठ पढ़ाया है ।

सदा रहूँ सेवा में तत्पर ,
अजब अनोखी न्यारी माँ।
सबसे अलग थलग है देखो,
मेरी अपनी प्यारी माँ।

© डॉ० प्रतिभा ‘माही’

2 Likes · 555 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Pratibha Mahi
View all
You may also like:
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
Ranjeet kumar patre
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना  महत्व  ह
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना महत्व ह
Satya Prakash Sharma
शिक्षित बेटियां मजबूत समाज
शिक्षित बेटियां मजबूत समाज
श्याम सिंह बिष्ट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब-जब सत्ताएँ बनी,
जब-जब सत्ताएँ बनी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भाग्य का लिखा
भाग्य का लिखा
Nanki Patre
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
"एक सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
हमें लगा  कि वो, गए-गुजरे निकले
हमें लगा कि वो, गए-गुजरे निकले
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हम जो भी कार्य करते हैं वो सब बाद में वापस लौट कर आता है ,चा
हम जो भी कार्य करते हैं वो सब बाद में वापस लौट कर आता है ,चा
Shashi kala vyas
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
DrLakshman Jha Parimal
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
Ajay Kumar Vimal
2630.पूर्णिका
2630.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
अभी कुछ बरस बीते
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
तेरी यादों में लिखी कविताएं, सायरियां कितनी
तेरी यादों में लिखी कविताएं, सायरियां कितनी
Amit Pandey
मन के भाव हमारे यदि ये...
मन के भाव हमारे यदि ये...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
एहसास
एहसास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन तुम्हें जहां ले जाए तुम निर्भय होकर जाओ
जीवन तुम्हें जहां ले जाए तुम निर्भय होकर जाओ
Ms.Ankit Halke jha
★भारतीय किसान★
★भारतीय किसान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बापू के संजय
बापू के संजय
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
Dr.Rashmi Mishra
मुल्क
मुल्क
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
*माँ*
*माँ*
Naushaba Suriya
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
साहित्य सृजन .....
साहित्य सृजन .....
Awadhesh Kumar Singh
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...