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3 Dec 2022 · 1 min read

अलविदा

मौत को हम गले से लगाकर चले ।
कुछ तो पाकर चले कुछ लुटाकर चले ।।
हो चले अलविदा हम वतन के लिए ।
दीप खुशियों के घर घर जलाकर चले ।।
© डॉ० प्रतिभा ‘माही’

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