Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2021 · 1 min read

कोई पास आया सवेरे-सवेरे

ग़ज़ल

दिया एक जलाया सवेरे-सवेरे
कोई पास आया सवेरे-सवेरे

सजा सेज कलियाँ लगीं गुदगुदाने
हिया से लगाया सवेरे-सवेरे

बतायें क्या तुमको कयामत क्या आयी
लबों पर सजाया सवेरे-सवेरे

छुआ जब किसी ने मेरे गुलबदन को
क्या मन्ज़र दिखाया सवेरे-सवेरे

नजर से नजर जब मिलाई थी उसने
नशा सा पिलाया सवेरे-सवेरे

चुराकर जिया जब वो जाने लगा था
घटा बनके छाया सवेरे-सवेरे

मैं मदहोश होकर लगी झूमने जब
आ खुद में समाया सवेरे-सवेरे

न जाने क्यूँ माही चढ़ी ये ख़ुमारी
कदम डगमगाया सवेरे-सवेरे

©® डॉ प्रतिभा माही

1 Like · 443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Pratibha Mahi
View all
You may also like:
🍃🌾🌾
🍃🌾🌾
Manoj Kushwaha PS
भरोसा
भरोसा
Paras Nath Jha
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
कौन उठाये मेरी नाकामयाबी का जिम्मा..!!
Ravi Betulwala
"अपने हक के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
सच समाज में प्रवासी है
सच समाज में प्रवासी है
Dr MusafiR BaithA
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
पहचाना सा एक चेहरा
पहचाना सा एक चेहरा
Aman Sinha
अपनों की महफिल
अपनों की महफिल
Ritu Asooja
ऐ ज़िंदगी।
ऐ ज़िंदगी।
Taj Mohammad
दिल के जख्म
दिल के जख्म
Gurdeep Saggu
इश्क़
इश्क़
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुझको कुर्सी तक पहुंचा दे
मुझको कुर्सी तक पहुंचा दे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
प्रेम
प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
#दोहा :-
#दोहा :-
*Author प्रणय प्रभात*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रोज हमको सताना गलत बात है
रोज हमको सताना गलत बात है
कृष्णकांत गुर्जर
2455.पूर्णिका
2455.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चाहने लग गए है लोग मुझको भी थोड़ा थोड़ा,
चाहने लग गए है लोग मुझको भी थोड़ा थोड़ा,
Vishal babu (vishu)
मुफ़लिसी एक बद्दुआ
मुफ़लिसी एक बद्दुआ
Dr fauzia Naseem shad
सफ़ारी सूट
सफ़ारी सूट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
अपना नैनीताल...
अपना नैनीताल...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
सुख दुःख
सुख दुःख
विजय कुमार अग्रवाल
सोच समझ कर
सोच समझ कर
पूर्वार्थ
Loading...