Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2021 · 1 min read

लोरियां गाता है इश्क ये

मुक्तक
******
छोटे बड़े हर शख्स को भाता है इश्क ये
कुछ मौज में जब इस तरह आता है इश्क ये
जब दर्द मीठा झेल माँ देखे है लाल को
ममता बना तब लोरियां गाता है इश्क ये

© डॉ० प्रतिभा ‘माही’

Language: Hindi
1 Like · 477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Pratibha Mahi
View all
You may also like:
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
अच्छा लगने लगा है !!
अच्छा लगने लगा है !!
गुप्तरत्न
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
कवि दीपक बवेजा
*मंदोदरी (कुंडलिया)*
*मंदोदरी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल को एक बहाना होगा - Desert Fellow Rakesh Yadav
दिल को एक बहाना होगा - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
इतने सालों बाद भी हम तुम्हें भूला न सके।
इतने सालों बाद भी हम तुम्हें भूला न सके।
लक्ष्मी सिंह
कल तलक
कल तलक
Santosh Shrivastava
खंजर
खंजर
AJAY AMITABH SUMAN
20-चेहरा हर सच बता नहीं देता
20-चेहरा हर सच बता नहीं देता
Ajay Kumar Vimal
पहला अहसास
पहला अहसास
Falendra Sahu
धरती पर स्वर्ग
धरती पर स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
Arvind trivedi
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
VINOD CHAUHAN
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चुनाव फिर आने वाला है।
चुनाव फिर आने वाला है।
नेताम आर सी
रमेशराज के बालगीत
रमेशराज के बालगीत
कवि रमेशराज
Badalo ki chirti hui meri khahish
Badalo ki chirti hui meri khahish
Sakshi Tripathi
अगर मैं अपनी बात कहूँ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
ruby kumari
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
हमने माना अभी अंधेरा है
हमने माना अभी अंधेरा है
Dr fauzia Naseem shad
आज फिर से
आज फिर से
Madhuyanka Raj
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
डॉ.सीमा अग्रवाल
संत गोस्वामी तुलसीदास
संत गोस्वामी तुलसीदास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#शुभ_दिवस
#शुभ_दिवस
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...