आकाश महेशपुरी 506 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 2 min read माल हवे सरकारी खा तू माल हवे सरकारी खा तू ॰ ॰ ॰ सुननी कुछ लो के बतिआवत दुखी के घरवा रहे दावत कुछ लोग रहे शोर मचावत मुखिया रहलेँ बात सुनावत बड़ी भागि से... Bhojpuri · भोजपुरी कविता 322 Share आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 1 min read एतनो मति बनऽ तूँ भोला एतनो मति बनऽ तूँ भोला ॰॰॰ चढ़े कपारे अगर गरीबी दुख पहुँचावे पहिले बीबी गाँव-नगर के खूब टिभोली ऊपर से मेहरी के बोली राशन-पानी के परसानी याद करावे नाना-नानी पाँव... Bhojpuri · भोजपुरी कविता · हास्य-व्यंग्य 3 2 735 Share आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 1 min read कच कच कच कच बोले सन कच कच कच कच बोले सन ॰॰॰ अचरज बा कि तहिए मनई चार गोड़ के हो जाला शादी क के जहिए से घर के झंझट मेँ खो जाला दू गो... Bhojpuri · भोजपुरी कविता 2 2 671 Share आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 1 min read दलीदर दलीदर ~~~ गइल रात बीतल दीवाली पीटल जाला सूपा खाली सुतले-सुतले कर दे बारे जागेला ऊहो भिनुसारे सूपा लेके फट फट फट फट बकरी जइसे पट पट पट पट खटर... Bhojpuri · भोजपुरी कविता 3 3 599 Share आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 1 min read पढ़बअ ना पछतायेक परी पढ़बअ ना पछतायेक परी ---------------------------------- दर-दर ठोकर खायेक परी पढ़बअ ना पछतायेक परी पढ़ लिख के राजा के होई ई सोची जिनिगी भर रोई आइल बाटे नया जमाना भइल कहाउत... Bhojpuri · भोजपुरी कविता 2 1 601 Share आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 2 min read रहे इहाँ जब छोटकी रेल देखल जा खूब ठेलम ठेल रहे इहाँ जब छोटकी रेल चढ़े लोग जत्था के जत्था छूटे सगरी देहि के बत्था चेन पुलिंग के तबो जमाना रुके ट्रेन तब कहाँ कहाँ... Bhojpuri · भोजपुरी कविता · हास्य-व्यंग्य 7 6 2k Share आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 1 min read दारू से का फायदा दारू से का फायदा . . . . . . . . . . दारू से का फायदा सोचनी आजु गिनावे के येही से परल हऽ हमरा कागज कलम उठावे... Bhojpuri · भोजपुरी कविता · हास्य-व्यंग्य 492 Share आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 5 min read सखी खेदारू के बिआह फूला संघे बड़ी धूमधाम से भइल। बिदाई के बेरा फूला के माई-बाप, भाई-भउजाई, चाचा-चाची सभे उदास रहे। फूला के सखी चमेलियो कम उदास ना रहली, बाकिर केहू... Bhojpuri · भोजपुरी कहानी 5 656 Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 3 min read पाप की कमाई 'बहुत दिनों बाद हमारी याद कैसे आ गयी मित्र! मैं तो समझता था तुम मुझे भूल ही गये। आओ बैठो।' सागर को अपने दरवाजे पर आया देखकर दलबीर सिंह खुश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 3 1k Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 3 min read माँ टूटी खाट पर बैठी बुढ़िया चिल्लाए जा रही थी। “बेटा रामनाथ! बड़े जोर की प्यास लगी है…गला सूखा जा रहा है…बेटे! जरा पानी पिला दे।” रामनाथ यारों के साथ बैठा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 16 9 1k Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 4 min read दहेज़ आधी रात को बैगन के खेत में मचान पर सोये अकलू की नींद अचानक टूटी। कुछ जलने की गंध व सियारों का शोर सुनकर वह बुरी तरह सहम गया। खेत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 11 12 1k Share आकाश महेशपुरी 27 Jun 2021 · 1 min read हे ईश्वर! तू कहीं अगर है... हे ईश्वर! तू कहीं अगर है, कड़ी धूप में छाया देना। धन-दौलत कुछ कम ही देना, किंतु निरोगी काया देना। हे ईश्वर! तू कहीं अगर है, माता जैसी ममता देना।... Hindi · कविता 3 4 573 Share आकाश महेशपुरी 26 Jun 2021 · 2 min read बंदी और कोरोना बंदी और कोरोना एक बीमारी जाती नहीं कि दूसरी चढ़ बैठती है। 2020 को हम बुरा कहते थे, 2021 तो उससे भी ज्यादा कष्टदायक साबित होता जा रहा है। मैं... Hindi · लेख 1 4 670 Share आकाश महेशपुरी 17 Jun 2021 · 1 min read भुला तो न दोगे भुला तो न दोगे ■■■■■■■ नज़र से मुझे तुम गिरा तो न दोगे मुहब्बत के ये दिन भुला तो न दोगे अभी तो मुहब्बत के गुल खिल रहे हैं कि... Hindi · गीत 2 291 Share आकाश महेशपुरी 11 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक- ये दिन हो मुबारक आज का दिन मुबारक तुम्हारा तुम्हें दिल दुआ दे रहा ये हमारा तुम्हें दुख न कोई तुम्हें छू सके उम्र भर सुख मिले इस ज़माने का सारा तुम्हें - आकाश... Hindi · मुक्तक 1 282 Share आकाश महेशपुरी 4 Jun 2021 · 1 min read ग़ज़ल- चले गए हैं वे जिंदगी से ग़ज़ल- चले गए हैं वे जिंदगी से ■■■■■■■■■■■■■■ न जाने क्यों अब पलट गए हैं हमें वे अपनी ज़बान देकर नहीं मुनासिब है छीन लेना किसी को सारा जहान देकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 3 433 Share आकाश महेशपुरी 27 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल- दर्द देकर मुझे जुदाई का दूर जाने की बात करते हो क्यूँ रुलाने की बात करते हो दर्द देकर मुझे जुदाई का गुनगुनाने की बात करते हो प्यार मेरा नहीं ये औरों सा क्यूँ ज़माने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 478 Share आकाश महेशपुरी 22 May 2021 · 1 min read इंसानों से प्यारे गिद्ध इंसानों से प्यारे गिद्ध। आक्सीजन के साथ दवाई, ये बेंच रहे कई गुने पर। हैं इतने लालच में अन्धे, साँसों के कातिल सौदागर। इन इंसानों के जैसे क्या? होते हैं... Hindi · कविता 5 1 802 Share आकाश महेशपुरी 22 May 2021 · 1 min read बारिश का पानी ग़ज़ल ~~~~~ हर कोई बदहाल हुआ है सावन में। पानी जैसे काल हुआ है सावन में।। रोज कमाकर खाने वाला कुनबा तो, रोटी बिन बेहाल हुआ है सावन में। एक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 5 7 831 Share आकाश महेशपुरी 8 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल- कहाँ जाएगी ये जनता... ग़ज़ल- कहाँ जाएगी ये जनता... ■■■■■■■■■■■■■■■ समझ पाया नहीं कोई चली कैसी बीमारी है कहीं साँसों पे संकट है कहीं कालाबाजारी है कहाँ जाएगी ये जनता दिखाने दर्द पर्वत सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 422 Share आकाश महेशपुरी 4 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल- कितना है हत्यारा सिस्टम ग़ज़ल- कितना है हत्यारा सिस्टम ■■■■■■■■■■■■■■■ देखो आज तुम्हारा सिस्टम कितना है हत्यारा सिस्टम आक्सीजन बिन मर जाओगे कातिल है यह सारा सिस्टम तेरी भूख मिटाए कैसे नेताओं का चारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 702 Share आकाश महेशपुरी 20 Apr 2021 · 1 min read ऐ मनुष्य एक दिन बड़ा पछतायेगा ऐ मनुष्य एक दिन बड़ा पछतायेगा ■■■■■■■■■■■■■■■■ जंगलों को नोच कर प्राण हीन करता है, ऐ मनुष्य एक दिन बड़ा पछतायेगा। नदियों में डालता है पाप सभी अपने तू, यही... Hindi · घनाक्षरी 1 2 559 Share आकाश महेशपुरी 7 Apr 2021 · 1 min read कोरोना भाग जाएगा कोरोना भाग जाएगा ■■■■■■■■■■ किसी शादी या महफ़िल में लगाने दाग जाएगा अगर स्कूल खोलोगे ये दानव जाग जाएगा जो बचना है सुनो भाई मेरे रैली निकालो तुम चुनावी भाषणों... Hindi · मुक्तक 1 530 Share आकाश महेशपुरी 20 Mar 2021 · 1 min read महँगा है पेट्रौल महँगा है पेट्रौल ■■■■■■■ गैस सिलिंडर ही नहीं, महँगा है पेट्रौल। चूल्हा ठंडा है पड़ा, खून रहा है खौल।। डीजल महँगा हो गया, सरसो का भी तेल। बोलोगे तो साथियों,... Hindi · दोहा 2 5 1k Share आकाश महेशपुरी 17 Mar 2021 · 1 min read ग़ज़ल- आये थे वीराने से... ग़ज़ल- आये थे वीराने से... ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ आये थे वीराने से फिर वही वीरानी है चार दिन के जीवन की बस यही कहानी है लौटना नहीं मुमकिन है सफ़र ये जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 543 Share आकाश महेशपुरी 10 Mar 2021 · 1 min read ग़ज़ल- कभी रुलाती है ज़ख़्म देकर..... ग़ज़ल- कभी रुलाती है ज़ख़्म देकर..... ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ कभी रुलाती है ज़ख़्म देकर कभी गले से लगा रही है उसे समझना है यार मुश्किल जो मेरी उलझन बढ़ा रही है नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 389 Share आकाश महेशपुरी 9 Feb 2021 · 1 min read मौसम तो मदहोश करे...(मत्तगयंद सवैया) मौसम तो मदहोश करे...(मत्तगयंद सवैया) ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ मौसम तो मदहोश करे उस पे यह नैन बड़े कजरारे, काजल से शरमाय रहे अब सावन के उमड़े बदरा रे, चंचल चाल हरे चित... Hindi · सवैया 3 2 520 Share आकाश महेशपुरी 6 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक- नहीं रहते मगर फिर भी... मुक्तक- नहीं रहते मगर फिर भी... ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ नहीं रहते मगर फिर भी कहीं आबाद रहते हैं दिलों में हर किसी के मौत के भी बाद रहते हैं जो होते मतलबी... Hindi · मुक्तक 1 369 Share आकाश महेशपुरी 1 Feb 2021 · 1 min read मुहब्बत की निशानी मुहब्बत की निशानी ■■■■■■■■■■■■■ मुहब्बत की निशानी ढूँढता हूँ, वही अपनी जवानी ढूँढता हूँ। कभी ख़त तो कभी तस्वीर उसकी, सभी चीजें पुरानी ढूँढता हूँ। शहर में, गाँव में, सारे... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 16 46 747 Share आकाश महेशपुरी 30 Jan 2021 · 1 min read किसान किसान ■■■ जय हो वीरों की सदा, जय जय हे विज्ञान। जय कैसे हो देश की, दुर्बल अगर किसान।। हलधर अपने खेत में, सहता जाड़ा, धूप। पावन अपने देश का,... Hindi · दोहा 1 2 557 Share आकाश महेशपुरी 20 Jan 2021 · 1 min read कामचोर का बाप (कुण्डलिया छंद) कामचोर का बाप (कुण्डलिया छंद) ■■■■■■■■■■■■■■■■ कहता है हर शास्त्र यह, सुन लो हे इंसान। मत जाना तुम भूलकर, जहाँ मिले अपमान। जहाँ मिले अपमान, कि वो घर कैसे छोड़े।... Hindi · कुण्डलिया 2 7 681 Share आकाश महेशपुरी 18 Jan 2021 · 1 min read ग़ज़ल- कठिन रास्तों की चढ़ाई... ग़ज़ल- कठिन रास्तों की चढ़ाई... ■■■■■■■■■■■■■■■ कठिन रास्तों की चढ़ाई से डर के रहोगे नहीं तुम इधर या उधर के वही देश को अब चलाते हैं यारों जो मसले किये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 676 Share आकाश महेशपुरी 11 Jan 2021 · 1 min read ग़ज़ल- हुए हम तो आखेट तिरछी नज़र के ग़ज़ल- हुए हम तो आखेट तिरछी नज़र के ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ रहे घाट के ना रहे आज घर के हुए हम तो आखेट तिरछी नज़र के मिला ही जनम से कलर मुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 1 3 508 Share आकाश महेशपुरी 31 Dec 2020 · 1 min read शादी कोई खेल नहीं है शादी कोई खेल नहीं है ■■■■■■■■■■ शादी शादी रटते हो तुम शादी कोई खेल नहीं है उम्र कैद है सुन लो भाई कहने को बस जेल नहीं है शादी तो... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 4 5 855 Share आकाश महेशपुरी 24 Dec 2020 · 1 min read नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद) नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद) ■■■■■■■■■■■■■■ देश रहे बदहाल सभी बदहाल रहे जग के नर-नारी, संकट था चहुँओर रहा पर संकट पे यह साहस भारी, मान लिया गुजरा यह साल... Hindi · सवैया 5 4 492 Share आकाश महेशपुरी 19 Dec 2020 · 1 min read ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से ■■■■■■■■■■■■■■■ चोर-लुच्चों का डर नहीं होता तुम न होते तो घर नहीं होता इतनी पालिश लगाए बैठे हो हुस्न का भी असर नहीं होता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 5 5 905 Share आकाश महेशपुरी 16 Dec 2020 · 1 min read कोरोना ने रोक दी दुनिया की रफ्तार कोरोना से भी अधिक, घातक थी वह भूख। जिसके कारण राह में, प्राण रहे थे सूख।। सभी घरों में बंद थे, थी दुनिया बेहाल। कोई भूलेगा नहीं, मौतों का यह... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · दोहा 27 44 976 Share आकाश महेशपुरी 13 Dec 2020 · 1 min read ग़ज़ल- चरण पादुका से न इज्ज़त उतारो मुझे यूँ न देखो कुँवारा नहीं हूँ किसी और का हूँ तुम्हारा नहीं हूँ न छत पे बुलाओ मुझे रात में तुम मैं इंसान हूँ चाँद-तारा नहीं हूँ भले मुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 9 6 1k Share आकाश महेशपुरी 12 Dec 2020 · 1 min read मत बाँधो ग़म को तुम मन के खूँटे से मत बाँधो ग़म को तुम मन के खूँटे से ■■■■■■■■■■■■■■■■ मत बाँधो ग़म को तुम मन के खूँटे से, दिख जाये तो इसे दबा दो जूते से। मौके तुम ख़ुशियों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 720 Share आकाश महेशपुरी 28 Nov 2020 · 1 min read ग़ज़ल- हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है ग़ज़ल- हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ कभी रोटी कभी कपड़े कभी घर छीन लेता है हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है महल के वास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 641 Share आकाश महेशपुरी 18 Nov 2020 · 1 min read धैर्य न खोना {मत्तगयंद सवैया छंद} धैर्य न खोना {मत्तगयंद सवैया छंद} कष्ट हजार मिले फिर भी तुम कातर भाव लिये मत रोना, मान लिया विपदा गहरी पर बंधु सुनो तुम धैर्य न खोना, और निखार... Hindi · सवैया 2 1 424 Share आकाश महेशपुरी 9 Nov 2020 · 1 min read मुक्तक- खूब की है पढ़ाई मुक्तक- खूब की है पढ़ाई मज़ा आ गया ■■ ■■ ■■ ■■ ■■ ■■ ■■ ■■ खूब की है पढ़ाई मज़ा आ गया, कोट है और टाई मज़ा आ गया,... Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 3 657 Share आकाश महेशपुरी 28 Oct 2020 · 1 min read ग़ज़ल- दिल न बहला तो शायरी कर ली ग़ज़ल- दिल न बहला तो शायरी कर ली ■■■■■■■■■■■■■■■■■■ दिल न बहला तो शायरी कर ली बुझती आँखों में रोशनी कर ली साथ काँटों का जब मिला मुझको फूल जैसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 444 Share आकाश महेशपुरी 20 Oct 2020 · 1 min read ग़ज़ल- वे मुझे रात भर याद आते रहे ग़ज़ल- वे मुझे रात भर याद आते रहे ■■■■■■■■■■■■■■■■ वे मुझे रात भर याद आते रहे और लम्हें सभी मुस्कुराते रहे भूलकर वे कभी याद करते नहीं इश्क़ में क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 488 Share आकाश महेशपुरी 6 Sep 2020 · 1 min read ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर ■■■■■■■■■■■■■■■■ बस मुझको नहीं बुलाया कर मेरे घर भी तू आया कर पिज़्ज़ा बर्गर के दीवाने तू रोटी सब्जी खाया कर तू भी ऊपर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 529 Share आकाश महेशपुरी 5 Sep 2020 · 1 min read ग़ज़ल- चालाकियाँ इंसान की ग़ज़ल- चालाकियाँ इंसान की ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ हम समझ पाते नहीं चालाकियाँ इंसान की हो गयी बंजर जमीं अब दोस्तों ईमान की लाख सिक्के ले के आओ मामला गंभीर है इस तरह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 538 Share आकाश महेशपुरी 29 Aug 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मज़दूर बनाता वाहनों को है वो इक मज़दूर होता है मगर पैदल ही चलता है बहुत मजबूर होता है बनाता है किला वो ताज, मीनारें, पिरामिड भी मगर गुमनाम रहता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 7 1k Share आकाश महेशपुरी 22 Aug 2020 · 1 min read कितने गड्ढे... कितने गड्ढे...(कुण्डलिया छंद) ■■■■■■■■■■■■■■ 1- कितने गड्ढे आजकल, सड़कों पर हर ओर। चलना मुश्किल हो गया, सुबह रात या भोर। सुबह रात या भोर, चोट लगने का डर है। घर... Hindi · कुण्डलिया 6 1 645 Share आकाश महेशपुरी 28 Jul 2020 · 1 min read मत्तगयंद (मालती) सवैया छंद मत्तगयंद (मालती) सवैया छंद ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ मान लिया जब दूर हुए तब लक्ष्य तुझे लगते सपने से, धीरज किन्तु रखो मन में यह दर्द बढ़ेगा सदा जपने से, कष्ट हजार सहो... Hindi · सवैया 4 2 2k Share आकाश महेशपुरी 24 Jun 2020 · 1 min read कुण्डलिया- सुबह सुबह की नींद कुण्डलिया- सुबह सुबह की नींद ■■■■■■■■■■■■■■■■■ होते ही सूरज उदय, टूटी यह उम्मीद। जिसको कहते हैं सभी, सुबह सुबह की नींद। सुबह सुबह की नींद, बहुत लगती है प्यारी। लेकिन... Hindi · कुण्डलिया 6 348 Share Previous Page 6 Next