उमा झा Language: Hindi 156 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next उमा झा 18 Aug 2020 · 1 min read विनती विनती करूँ हे जननी, तेरी शरण में आ कर। तेरी शरण में आई, थोड़ी भी न भिक्षा पाई, विनती करूँ हे माता, माँ बन न तू कुमाता, माँ बन न... Hindi · गीत 15 14 340 Share उमा झा 13 Aug 2020 · 1 min read जन्म दिन की बधाई आज बड़ी ही शुभ दिन आई, वरष एक दिन के बाद तेरी जन्म दिन आई। मिले तुझे सबसे खुब बधाई, हमसब को मिले भरपेट मीठाई। "विप्रम् मधुरं रोच्यते"'कहा संत बुझाई,... Hindi · कविता 13 14 521 Share उमा झा 10 Aug 2020 · 1 min read दूर करो माँ सघन अंधेरा दूर करो माँ सघन अंधेरा, जाने आया किस काल द्वार से, महाप्रलय, अट्टहास- अहंकार से, विध्वंस नृत्य किया घनघोर, क्रंदन, विलाप करता नित फेरा, दूर करो माँ सघन अंधेरा ।... Hindi · कविता 16 12 290 Share उमा झा 2 Aug 2020 · 1 min read टिप्पणी टिप्पणी करना गए हम भूल , दिखा जब भावों का शूल । हमने तो परिहास किया, सम्मुख जन को व्यंग्य शब्द कुछ खास लगा । चले फिर शब्दों के सहस्र... Hindi · कविता 12 18 326 Share उमा झा 26 Jul 2020 · 1 min read शिशु और चंद्रमा एक नन्हा शिशु सोया था, माँ के आँचल में खोया था । स्व चेतना में भरकर उमंग, खेल रहा था नव उदित चंद्रमा के संग । अनायास पड़ोसन द्वार लगाई,... Hindi · कविता 15 16 362 Share उमा झा 22 Jul 2020 · 2 min read जातक कथा शिव की थी मैं अति प्यारी, नाम हमारा उमा कुमारी । सुनाऊँ मैं अपनी जातक कथा, मत कहना है मनगढा । धरती की एक तपस्विनी नारी, शिव से बेटी याचना... Hindi · कविता 15 16 575 Share उमा झा 6 Jul 2020 · 1 min read सत्युक्ति जहाँ ज्ञान वहाँ गुरू है, जहाँ धुंध वहाँ आग, जहाँ जीवन वहाँ नीर है, जहाँ जीव वहाँ मात, भले दिखाई पड़े नहीं, किन्तु सत्य सौगात - - - -क्रमशः *उमा... Hindi · कविता 18 10 472 Share उमा झा 5 Jul 2020 · 1 min read भारत वंदना अखण्ड भारत, सुर-सर तारक, कण-कण शायद धारक, जग करे अर्चना, अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठिलत करु कोना माँ अराधना । सप्तसिंधुनी, जंबूद्विपिनी, विश्व वंदनी, धनधना, अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित... Hindi · गीत 16 10 738 Share उमा झा 28 Jun 2020 · 1 min read शौर्य उद्घोष चेत धरा के रिपु समस्त! यह हिन्दुस्तान नहीं, जम्बूद्वीप का अभियान है । हम सत्य अहिंसा के परिचायक, शान्ति धरम के हम हैं नायक, एक और सुन, शौर्य पराक्रम भी... Hindi · कविता 16 12 592 Share उमा झा 23 Jun 2020 · 2 min read फूल सी बच्ची थी वह एक फूल सी बच्ची, मृदुल कोमल भाव की सच्ची । पिता से पाया था बस देह, मिला नहीं कभी मन का नेह । बेटी बनना उसके लिए था... Hindi · कविता 16 12 544 Share उमा झा 18 Jun 2020 · 1 min read पराक्रम वह भुजबल ही क्या, भुजबल है, बंदी पर कहर प्रहार करे। वह साहस ही क्या साहस है मूर्छित का गर्दन काट चले । भुजबल की चाह अगर है तो, बंदी... Hindi · कविता 17 19 518 Share उमा झा 13 Jun 2020 · 1 min read चल हवा तू चैलते चल चल ,हवा तू चैलते चल, चल,हवा तू चैलते चल, निर्भीक चित सौं जतौऽ जइहैं, गाछ- पात सौं नेह लगविहैं, हम छी गुड्डी, संगे- साथ, डऽरै के छै किछ नै बात... Hindi · गीत 18 10 572 Share उमा झा 11 Jun 2020 · 3 min read स्वर संधि व्याख्यान दो स्वर वर्णों की होती जब युगलबंदी, तब ही दिखती स्वर संधि । नवम, नागेन्द्र, बसुधैव, हिमालय, हैं कितने किसलय स्वर संधि के आलय । स्वर संधि के पांच भेद,... Hindi · कविता 17 13 995 Share उमा झा 4 Jun 2020 · 1 min read कविता होगा कब मेरे जीवन का भोर, कब फैलेगी सुख-शांति युक्त इंजोर। थी जो अपनी छाया,प्रतिक्षण रहती साथ, चली वह भी ,देख अंधियारी में छोड़ । उपकार किया था, जिस विषधर... Hindi · कविता 16 6 383 Share उमा झा 30 May 2020 · 1 min read जाग जाग हे-- - - जाग जाग हे परशुराम, छोड़ो अब चिर ध्यान । बिन तेरे त्रासद है जनता, पिंजर बंध पड़ा निर्बोध विहंगा, तरप रहा जल रहित भांति मीन, क्रंदन, विवश, निरार्थ निर्स्वामी दीन,... Hindi · कविता 13 4 298 Share उमा झा 29 May 2020 · 1 min read तू ज्वाला की तिल्ली हो तू ज्वाला की तिल्ली हो, चाहो तो जीवन भस्म करो , या जन- जन में ज्योति का संचार करो, विपदा आए राह अगर, ग्रास करो बन कर मगर, तू विपत... Hindi · कविता 12 4 330 Share उमा झा 20 May 2020 · 4 min read रिसेप्शन कल दीपक भैया की शादी हुई थी ।अगले दिन रिसेप्शन होने वाला था ।दीपक भैया हमारे मंझले भाईजी के पक्के मित्र थे ।जिस कारण उनका हमारे घर आना जाना होता... Hindi · कहानी 13 4 608 Share उमा झा 19 May 2020 · 1 min read कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा, हे मनुज तु सोच जरा, जो नर भाग्यशाली होते हैं, सुख शांति का सोमरस पीते हैं, जग के सदा करणीय वो ही होते, उनका कथन... Hindi · कविता 13 4 436 Share उमा झा 18 May 2020 · 1 min read चिड़िया रानी दूर गगन की चिड़िया रानी, आकर पीलो थोड़ा पानी । दाना चुगते लगेगी प्यास, कहाँ भटकेगी दूर आकाश, बिन पानी क्या जीवन का आस, तन मन तेरा होगा हताश, है... Hindi · कविता 14 8 424 Share उमा झा 17 May 2020 · 1 min read मेरी लेखनी कहती मुझसे मेरी लेखनी कहती है मुझसे, शब्द लिखो फिर सूझबूझ से , लिखे शब्द में होती इतनी क्रांति, छिन्न-भिन्न हो जाती दिशा भ्रांति , माना कि तु धनवान नहीं, है पद... Hindi · कविता 10 3 299 Share उमा झा 17 May 2020 · 1 min read पराधीन सत्य कहा है तुलसीदास, पराधीन होने से उत्तम है वनवास । अधीनस्थ रहने वाले ही होते दोषी, स्नेह, सहानुभूति कहाँ कहलाते परपोषी। होता सदा उनका जीवन धरती का भार, ढोता... Hindi · कविता 10 2 337 Share उमा झा 16 May 2020 · 1 min read जब लिखती हूँ मैं कविता जब लिखती हूँ मैं कविता, पग नूपुर नहीं, कंठहार नहीं गहनों से होती श्रृंगार नहीं, होती है शब्दों की रुनझुनता , जब लिखती हूँ मैं कविता । बसंत की स्नेहिक... Hindi · कविता 16 8 271 Share उमा झा 13 May 2020 · 1 min read तुम्हारा ही पुकार है अखण्ड दीप ज्योत्सना, प्रकाश दिव्यमान है, धरा में अंधकार है, तुम्हारा ही पुकार है तुम्हारा ही पुकार है ,तुम्हारा ही पुकार है । उठो हे देवी सिन्धसुता, उठो हे देवी... Hindi · कविता 14 8 312 Share उमा झा 12 May 2020 · 1 min read 30वाॅ राज्य सब मोदी की ही करते जय जयकार, किन्तु मैं दूं धन्यवाद विपक्षी तुम्हार । तुम सब मिलकर ही कीचड़ बनाया, देश के सोए जनता को झकझोर जगाया । उसके निर्मित... Hindi · कविता 11 3 426 Share उमा झा 12 May 2020 · 1 min read मजदूर की करुणा हे ईश्वर तेरी माया के आगे, विवश पड़े मजदूर अभागे। थे रहते जब अपने गाँव, गुंडा गर्दी के मुख चढते दाँव। गाँव गाँव धनवानों की रहती गुंडा गर्दी, मरने वालों... Hindi · कविता 15 8 291 Share उमा झा 11 May 2020 · 1 min read माँ बनना है कितना सुन्दर एहसास माँ बनना है कितना सुन्दर एहसास, जब तक न मिलता नारी को संतान सुख, घर-परिवार सर्व समाज रहते विमुख। जाने किन किन बातों से करते तीक्ष्ण उपहास , उन नारी... Hindi · कविता 14 4 541 Share उमा झा 10 May 2020 · 1 min read मैं विपदा - - - मैं विपदा की हूँ तरंग, जिस ओर चलूँ, जिस ओर मुरूँ, कायर की न भांति चलूँ, तनिक टूटते मेरे तन, कर देती मैं अंग भंग, राहों की हूँ पथिक मतंग,... Hindi · कविता 11 2 584 Share उमा झा 10 May 2020 · 1 min read हे जन्मदात्री करूँ क्या तुझको अर्पण हे जन्मदात्री करूँ क्या तुझको अर्पण, तु पीपल की छाया हो माँ , तु आदिशक्ति की काया हो माँ, प्रकृति की हो हर दशा मनोरम, परब्रह्म धरा की कांति हो... Hindi · कविता 15 4 282 Share उमा झा 9 May 2020 · 1 min read बुद्धि विवेक में कितना अंतर बुद्धि विवेक दो शब्द हैं सुन्दर, है पर दोनों में कितना अंतर । बुद्धि सदा स्व हित का जपता मंतर, विवेक होता परहित का बड़ा समंदर । स्वार्थपूर्ति बुद्धि का... Hindi · कविता 12 6 1k Share उमा झा 9 May 2020 · 1 min read वसुधैव कुटुम्बकम् करना है जो कर लो मानव, पर मत भूलो अपना उद्यम । इस जग के हैं बस हम पंछी, जाने कब किधर उड़ चलेंगे हम। क्यो सोच रहे हो यह... Hindi · कविता 9 6 252 Share उमा झा 9 May 2020 · 1 min read काली रजनी आज खिला कितना सुन्दर चांद, छुप गया अंधेरा जा निज मांद। काली रजनी बनी मन मतवाली, पी कर मदिरा भर भर प्याली । है छिटपुट तारों का संगम, है चुरकुट... Hindi · कविता 7 2 854 Share उमा झा 7 May 2020 · 1 min read ??????? पढ लिख कर भी जीवन बेकार, मूर्खों को आज ढूंढ रही सरकार । है सच कोरोना के मारे से, हुआ अनेक जन बेरोजगार । सबको पर रहा, आज यहाँ पर,... Hindi · कविता 10 8 381 Share उमा झा 7 May 2020 · 1 min read होती जब घमासान वर्षा की कहर दुबक दुबक कर बैठे सब अपने घर, होती जब घमासान वर्षा की कहर । समय समय पर बिजली कड़की, शांत चित वाली धरती भी धड़की, बादल गर्जना कर देता झिड़की,... Hindi · कविता 10 2 479 Share उमा झा 6 May 2020 · 1 min read शराब की दुकान (व्यंग्य व्यंजन ) सरकार से मिला एक फरमान, खुलेगी अब शराब की दुकान । नेता को आया सोते जागते सपना, शराब पीने वालों को न होते कोरोना । जो मदिरा पीकर, हो जाते... Hindi · कविता 10 2 487 Share उमा झा 5 May 2020 · 1 min read दुविधा संघर्षपूर्ण है मेरा जीवन, विश्वनाथ नगर की गलियों मे, एक तरफ है माँ का आँचल, एक तरफ कर्तव्य खड़ा है, है दुविधा अब मेरी, किसको गले लगाऊँ, या किसका भेदन... Hindi · कविता 11 6 709 Share उमा झा 3 May 2020 · 1 min read मानव की चिढ तुझे मिली हरियाली डाली, मेरी प्रकाशयुक्त कोठरी भी काली। यह जग है मेरा साम्राज्य, हर छायाप्रति पर दिखे तुहीं आज । तुझे देख होती अति पीड़ा, बना रहूँ कबतक मैं... Hindi · कविता 10 4 546 Share उमा झा 2 May 2020 · 1 min read मेरी कविता - - (व्यंग्यात्मक ) कहूँ क्या लाॅकडाऊन की प्रभुताई, कुहर-कुहर कर होती कविता की भरपाई । पहले दिन एक में लिखते कविता चार, चार दिन भी आज एक में हुआ बेकार । होगें प्रतीक्षारत... Hindi · कविता 10 4 541 Share उमा झा 2 May 2020 · 1 min read अर्थ बिना जीवन बेकार गुरूजी पुस्तक कांख दबाए, भूखे पेट अश्रुधार के मारे, जा पहुंचे धनपति के द्वार । मुट्ठी भर दाना दे कर, साथ कई शर्त लगाकर, किया धनपति उन्हे स्वीकार । मरता... Hindi · कविता 10 4 714 Share उमा झा 30 Apr 2020 · 1 min read जीवन आशा दुविधा छाई यदि समृद्ध आकाश, उसकी शक्ति, अपनी भक्ति का है विश्वास , निश्चय ही समृद्ध होगा अच्युत प्रकाश, शाश्वत सत्य मानव का होना हताश, खद्योत तम भेदन का करता... Hindi · कविता 10 6 506 Share उमा झा 29 Apr 2020 · 2 min read मैं गुड्डी मन की मतवाली घटा भी मुझसे पूछे, कहो क्या राह तुम्हारी, हवा भी मुझसे पूछे, चलूँ क्या साथ तुम्हारी, खगवृंद मुझसे पूछे, बन जा तू सखिया हमारी, उसके चित में मैं बसने वाली,... Hindi · कविता 9 4 668 Share उमा झा 28 Apr 2020 · 1 min read तु है कौन - - ? सुन रे गगन विशाल, संग सुनो धरती पाताल, तू खड़ा देख रहा क्यों मौन, मेरा जना पुत्र पुछ रहा तू है कौन? अपना रक्त पिलाया जिसको, जीवन जोत दिखाया जिसको,... Hindi · कविता 12 2 316 Share उमा झा 27 Apr 2020 · 5 min read जागृति चिंता एक मध्यवर्गीय परिवार की लड़की है ।वह लड़की के रुप मे जन्म लेती है इसलिए उसका नाम चिंता रखा गया ।और दूसरी ओर हर्षित करने वाला, पुत्र हर्ष के... Hindi · कहानी 9 6 548 Share उमा झा 26 Apr 2020 · 1 min read मेरी संस्कृति स्वर्ग लोक से अवतरित हुई थी तुम उस दिन, काली रजनी के बेरी में बंध चुके थे अरुणबिन्द । था जीवन की धरती पर हाहाकार भरी हे! तृष्णा, बिन बंशी... Hindi · कविता 9 2 502 Share उमा झा 25 Apr 2020 · 1 min read बेगूसराय की हार - - - - - ? बेगूसराय की हार हुई, या प्रकृति की अदृश्य मार पड़ी । कभी जल से भरा था यह क्षेत्र, आज बन गया क्षणिक इत्र, हम कैसे हैं स्वार्थी मित्र, मित्र हन्ता... Hindi · कविता 8 2 293 Share उमा झा 24 Apr 2020 · 2 min read आखिर लोग गरीब ---------?? किसी नगर में एक राजा था । उसका स्वभाव, कहा नहीं जा सकता है कि वह कैसा था? उसके राज्य में प्रजा का जीवन यापन हो रहा था । एक... Hindi · कहानी 8 2 310 Share उमा झा 24 Apr 2020 · 1 min read वो है संस्कृति जिस बालिका को मेने जनम दिया, वह है संस्कृति वह है संस्कृति वो संस्कृति है, वो चंचल है मधु गुंजन वन की गुंजरी है, बाल सुलभ तितली कृति है, वह... Hindi · कविता 8 2 346 Share उमा झा 23 Apr 2020 · 2 min read प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन भाव भंग लिपटी एक अलबेली, अवतरित हुई प्रगति नार नवेली । करने मानव को निज ओर आकृष्ट, तरल स्नेह की करती हुई वृष्टि । अनुजा भान प्रकृति उसे स्वीकार किया,... Hindi · कविता 8 4 358 Share उमा झा 22 Apr 2020 · 1 min read जाग जाग हे परशुराम जाग जाग हे परशुराम, छोड़ो अब चिर ध्यान । हो रहा सनातन धर्म विध्वंस, गीदर की खाल में दिख रहा असंख्य कंश, मानव बन कर भी दानव की है प्रतिमूर्ति,... Hindi · कविता 8 4 487 Share उमा झा 22 Apr 2020 · 1 min read शिशु - - - हे जग के पालनहार जन्म देकर तू क्या किया, स्नेह सुधा गंग धार, बिन बताए मुझसे छीन लिया, मिलना था, माँ का आंचर नंगी धरती पर तू सुला दिया, हे... Hindi · कविता 8 4 331 Share उमा झा 21 Apr 2020 · 1 min read जाग उठी धरती की ज्वाला जाग उठी फिर से धरती की ज्वाला, देख द्रोही होता अब क्या होने वाला । क्रांति की आंधी जब चलती है, सहस्र शिव की तांडव दिखती है । एक एक... Hindi · कविता 8 4 509 Share Previous Page 3 Next