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29 May 2020 · 1 min read

तू ज्वाला की तिल्ली हो

तू ज्वाला की तिल्ली हो,
चाहो तो जीवन भस्म करो ,
या जन- जन में ज्योति का संचार करो,
विपदा आए राह अगर,
ग्रास करो बन कर मगर,
तू विपत राहों की सिल्ली हो, तू ज्वाला की तिल्ली हो।
तू अटल बने रहो सदा,
सरलता न हो तुझसे विदा,
जग जो माने वह ,तू ही किल्ली हो,तू ज्वाला की तिल्ली हो ।
शांति की तू पवन चला,
खुशहाली की तु सुमन खिला,
तू ही मन भावन तितली हो,तू ज्वाला की तिल्ली हो ।
चाहो तो जीवन भस्म करो ,
या जन- जन में ज्योति का संचार करो,

उमा झा

Language: Hindi
12 Likes · 4 Comments · 322 Views
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