Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 1 min read

‘बेटी की विदाई’

‘बेटी की विदाई’
~~~~~~~~

अजीब क्षण,इस विदाई का;
गम है, ‘खुशी’ के जुदाई का;
खुशियां टपकती, आंसू बन;
हल्का होता , अब भारी मन;
हर आंखों में ही , अश्रु आई;
जब होती , ‘बेटी की विदाई’;
अब सूना-सूना, ही घर दिखे;
घर की रौनक जो, हुई पराई;
वक्त होता यह , बड़ा अजूबा;
नहीं है कहीं,बनावटी मंसूबा;
कोई यहां , हॅंसते-हॅंसते रोए;
कोई रोते-रोते ही , हॅंस जाए;
पर , सब निज आंसू छुपाए;
‘बेटी’,रो-रो कर होती बेहाल;
कि कैसे जाए , वो ‘ससुराल’;
हर कोई , उसे ढाढस बंधाते;
कोई, ‘पाहुन’को ही समझाते;
दिखे, ‘माता’ का अकेलापन;
‘पिता’ हॅंसते , छुपा सारे गम;
छोटी बहन भी , बैठी है मौन;
अब उसको , समझाए कौन;
बेचारे ‘भाई’ का, क्या कहना;
कौन , बात सुने अब उसकी;
ससुराल गई , उसकी ‘बहना’।
**********************

स्वरचित सह मौलिक;
…..✍️ पंकज ‘कर्ण’
………….कटिहार।।

Language: Hindi
168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
Aarti sirsat
आपसी समझ
आपसी समझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Blac is dark
Blac is dark
Neeraj Agarwal
भारत
भारत
नन्दलाल सुथार "राही"
मां का दर रहे सब चूम
मां का दर रहे सब चूम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
बुद्ध पुर्णिमा
बुद्ध पुर्णिमा
Satish Srijan
दोहा-प्रहार
दोहा-प्रहार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
क्या पता है तुम्हें
क्या पता है तुम्हें
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
Ravi Prakash
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
गहरे ध्यान में चले गए हैं,पूछताछ से बचकर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बापू गाँधी
बापू गाँधी
Kavita Chouhan
मिलकर नज़रें निगाह से लूट लेतीं है आँखें
मिलकर नज़रें निगाह से लूट लेतीं है आँखें
Amit Pandey
"फोटोग्राफी"
Dr. Kishan tandon kranti
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh Manu
आरजू
आरजू
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इच्छाएं.......
इच्छाएं.......
पूर्वार्थ
जो तुम समझे ❤️
जो तुम समझे ❤️
Rohit yadav
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
Arvind trivedi
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
Vivek Mishra
शहर के माहौल
शहर के माहौल
Shekhar Chandra Mitra
कई रात को भोर किया है
कई रात को भोर किया है
कवि दीपक बवेजा
मन के घाव
मन के घाव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
■ जानिए आप भी...
■ जानिए आप भी...
*Author प्रणय प्रभात*
पश्चिम हावी हो गया,
पश्चिम हावी हो गया,
sushil sarna
Loading...