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18 Aug 2020 · 1 min read

विनती

विनती करूँ हे जननी,
तेरी शरण में आ कर।
तेरी शरण में आई,
थोड़ी भी न भिक्षा पाई,
विनती करूँ हे माता,
माँ बन न तू कुमाता, माँ बन न तू कुमाता।

बच्चा विलट रहा है,
अबला विलख रही है,
दर्शन लिए हे जननी,
वृध भी शरण पड़े हैं,
ममतामयी हे माता,
माँ बन न तू कुमाता, माँ बन न तू कुमाता ।

हजार नेत्र वाली,
जीवन पड़ी है खाली,
कोई नयन से देखो,
जग को माँ तू काली,
करूणामयी हे माता,
माँ बन न तू कुमाता ।माँ बन न तू कुमाता ।

सगर को तूने तारा,
तुलसी को तू ने पाला,
क्या दोष माँ हमारा,
विनती गया गबारा,
तीनों भूवन की माता,
माँ बन न तू कुमाता,
विनती करूँ हे जननी तेरी शरण में आ कर ।

उमा झा

Language: Hindi
Tag: गीत
15 Likes · 14 Comments · 331 Views
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