Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2020 · 2 min read

प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन

भाव भंग लिपटी एक अलबेली,
अवतरित हुई प्रगति नार नवेली ।
करने मानव को निज ओर आकृष्ट,
तरल स्नेह की करती हुई वृष्टि ।
अनुजा भान प्रकृति उसे स्वीकार किया,
निज अवयव से उस तरुणी का श्रृंगार किया ।
पा लिया जब सा औदन,
प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन ।

छीन लिया तरूवर की छाया,
बदल दिया गांव गांव की काया ।
क्रीडा करलव करते जहाँ बाल-गोपाल,
दिख रहा आज वहाँ उद्योग विशाल ।
चला दिया प्रकृतिहृदय पर आरी,
कट रहा पीपल बरगद संग झुरमुट झाड़ी ।
हो रहा आज पर्यावरण पतन,
प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन ।

कल-कल करती थी नदियाँ सारी,
बिलुप्त हो रही बन सरस्वती बेचारी ।
पाप-ताप-संताप हारिणी गंगा,
दूषित हो उड़ चली बन विहंगा ।
जलधि का था कितना कंचन लहर,
रसायन संग बन गया आज जहर ।
हो रहा माता-पुत्र स्नेह का खंडन,
प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन ।

विध्वंस प्रकृति देख आया आँखों में पानी,
सुनी हमने विक्षिप्त ज्ञानी की वाणी ।
उजड़े घर आता नहीं क्या कभी रवानी,
जा पूछ नन्हे बालक से उसकी उजड़ी कहानी ।
क्रीडा कौतुक का था उम्र कितनी सुहानी,
बन व्यस्क ढूंढ रहा था दाना पानी।
छीन गया बालक का कहीं बचपन,
प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन ।

जीर्ण शीर्ण होगा मानव का जब यौवन,
छोड़ चलेगी प्रगति उसे उसी क्षण ।
धरती पर हाहाकार हुआ कुछ ऐसा ,
निगलने को तड़पती प्रगति सुरसा जैसा ।
बाढ प्रलय का रुप दिख रहा विक्राला,
मरे चिता पर क्या करोगे मलाल ।
बचा ले रे मनुज अपना ही जीवन,
प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन ।

एक एक पौधा क्या न कर सकता है प्यारे,
स्वस्थ, सुन्दर, खुशहाल हुआ जन इसी सहारे ।
स्वस्थ समृद्ध जीवन यदि पाना है
हर मनुज को आज वृक्ष लगाना है
निज संग बचाले जग की जिंदगानी,
सच्ची स्वतंत्रता की होगी यही निशानी ।
प्रकृति – प्रगति – प्रवृत्ति का करो मिलन,
प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन ।

–उमा झा

Language: Hindi
8 Likes · 4 Comments · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from उमा झा
View all
You may also like:
उतर चुके जब दृष्टि से,
उतर चुके जब दृष्टि से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संघर्ष....... जीवन
संघर्ष....... जीवन
Neeraj Agarwal
बचपन बेटी रूप में
बचपन बेटी रूप में
लक्ष्मी सिंह
........?
........?
शेखर सिंह
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
Rekha khichi
"रिश्ते की बुनियाद"
Dr. Kishan tandon kranti
धनतेरस
धनतेरस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
होली है!
होली है!
Dr. Shailendra Kumar Gupta
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
Rituraj shivem verma
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कोशिश करना छोरो मत,
कोशिश करना छोरो मत,
Ranjeet kumar patre
3305.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3305.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दयालू मदन
दयालू मदन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Below the earth
Below the earth
Shweta Soni
Don't bask in your success
Don't bask in your success
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
Mahendra Narayan
होली का रंग
होली का रंग
मनोज कर्ण
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कोशिश न करना
कोशिश न करना
surenderpal vaidya
असली परवाह
असली परवाह
*Author प्रणय प्रभात*
यह कलयुग है
यह कलयुग है
gurudeenverma198
विष बो रहे समाज में सरेआम
विष बो रहे समाज में सरेआम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*रामपुर के पाँच पुराने कवि*
*रामपुर के पाँच पुराने कवि*
Ravi Prakash
'I love the town, where I grew..'
'I love the town, where I grew..'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Choose yourself in every situation .
Choose yourself in every situation .
Sakshi Tripathi
♤ ⛳ मातृभाषा हिन्दी हो ⛳ ♤
♤ ⛳ मातृभाषा हिन्दी हो ⛳ ♤
Surya Barman
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
Shubham Pandey (S P)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
Kshma Urmila
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...