Comments (6)
9 May 2020 08:40 PM
सुंदर प्रेरक प्रस्तुति।
धन्यवाद !
9 May 2020 04:44 PM
वह गीत याद आ गया, आदमी हूं, आदमी से प्यार करता हूं। लेकिन वह सब किससे बन कर रह गए हैं, मानवता को शायद हम त्याग चुके हैं। अन्यथा आज कल बेबस मजदूरों के साथ हो रहा है, उससे पसिजते तो सही,बस बयान देकर इतिश्री कर ली है। ईश्वर रक्षा करें सब की।
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कृतज्ञ !