बुद्धि का व्यावहारिक उपयोग ही विवेक है। विवेकशील मनुष्य व्यावहारिकता से परिपूर्ण होता है।
उसमें जीवन संघर्ष का सामना करने के लिए प्रज्ञा शक्ति का विकास होता है ।उसकी दृढ़ संकल्प शक्ति उसे असफलता को भी सफलता में बदलने की प्रेरणा देती है। बुद्धिमान व्यक्ति व्यवहारिकता के अभाव में बुद्धि का सदुपयोग करने में असमर्थ रहता है। जिसके फलस्वरूप उसकी सफलता की संभावनाएं सीमित हो जाती है। क्योंकि वह अपना अधिकांश समय तर्क वितर्क एवं विश्लेषण में नष्ट कर देता है। समय की धारा के साथ चलने में वह अपने को असमर्थ पाता है।
जीवन दर्शन के ज्ञान की उपयोगिता उसके व्यावहारिकता पर निर्भर रहती है।
धन्यवाद !
विवेक ही यदि कोई अपना लें तो कितने ही अनर्थ होने से बच जाएंगे। बड़े बड़े ओहदे वालों ने भी विवेक ताक पर रखा हुआ है। जिसके परिणाम आज का आदमी भुगत रहा है। सुंदर कृति है,बधाई!
?????
ॐ