Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2020 · 1 min read

मजदूर की करुणा

हे ईश्वर तेरी माया के आगे,
विवश पड़े मजदूर अभागे।
थे रहते जब अपने गाँव,
गुंडा गर्दी के मुख चढते दाँव।
गाँव गाँव धनवानों की रहती गुंडा गर्दी,
मरने वालों पर फिर करे कौन हमदर्दी ।
जीवन का रहा न थोड़ा भी ठिकाना ,
मेहनत मजदूरी का भी नहीं मिलता पूरा दाना ।
रोते-बिलखते बूढ़े बच्चों को देख ,
आया मन में विचार नेक ।
मरने से अच्छा जाना शहर की ओर,
पलायन का फिर लगा होड़ ।
सच है गाँव हो या हो शहर,
वरसाते सब मजबूर मजदूरों पर कहर ।
धनवानों की न बदलती मानसिकता ,
भरे पड़े हैं जग में स्वार्थपूर्ति कर्ता ।
स्वार्थ का न होता कोई मानदंड,
किया जाय जिस शस्त्र से खंड खंड ।
आज भारी पड़ी कोरोना सी बीमारी,
शहर और, दिया उनको दुत्कारी ।
भूखे पेट फिर जाएं कहाँ ,
दर दर की ठोकर खा रहे सम्पूर्ण जहाँ ।
हे ईश्वर! कहो, किस धरती पर जाए,
जिस धरती को अपने जीवन का स्वर्ग बनाएं ।
मोती संग टूट रहे हैं धागे,
विवश पड़े मजदूर अभागे ।

Language: Hindi
15 Likes · 8 Comments · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from उमा झा
View all
You may also like:
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बचा ले मुझे🙏🙏
बचा ले मुझे🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
शहर के लोग
शहर के लोग
Madhuyanka Raj
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
महिला दिवस
महिला दिवस
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
कल को छोड़कर
कल को छोड़कर
Meera Thakur
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
*प्रणय प्रभात*
" लक्ष्य सिर्फ परमात्मा ही हैं। "
Aryan Raj
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
इन टिमटिमाते तारों का भी अपना एक वजूद होता है
इन टिमटिमाते तारों का भी अपना एक वजूद होता है
ruby kumari
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
पूर्वार्थ
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
Kavita Chouhan
"चाह"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
धूल
धूल
नन्दलाल सुथार "राही"
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
आज हमने उनके ऊपर कुछ लिखने की कोशिश की,
आज हमने उनके ऊपर कुछ लिखने की कोशिश की,
Vishal babu (vishu)
चाय-समौसा (हास्य)
चाय-समौसा (हास्य)
गुमनाम 'बाबा'
वक्त  क्या  बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
वक्त क्या बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
बातें करते प्यार की,
बातें करते प्यार की,
sushil sarna
लक्ष्मी-पूजन
लक्ष्मी-पूजन
कवि रमेशराज
3429⚘ *पूर्णिका* ⚘
3429⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
किस्मत की चाभी
किस्मत की चाभी
Awadhesh Singh
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
Rituraj shivem verma
Loading...