Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2023 · 1 min read

“चाह”

चाह पर, वो, इन्द्र धनुषी, रँग चढ़ा देँ,
मौन-भावों को, सरसता से, सजा दें।

है युवा कलियों को, उनसे, ईर्ष्या क्यों,
चाँद सी आभा, कभी मुझको दिखा देँ।

भ्रमर भी सब,राह क्यों,तकते हैं उनकी,
रागिनी सी लय, कभी मुझको सुना देँ।

है भले, व्यवहार, यूँ, शालीन उनका,
रीत पर वो, प्रीत की, कुछ तो निभा देँ।

व्यूह विस्तृत, वर्जनाओं का, चतुर्दिश,
आके सम्मुख, वो कभी “आशा” बँधा देँ।

कर उठें सँवाद, उनसे, शब्द, बरबस,
गीत पढ़ मेरा, कभी तो, मुस्कुरा देँ..!

##———-//———//——–##….

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
✍️पर्दा-ताक हुवा नहीं✍️
✍️पर्दा-ताक हुवा नहीं✍️
'अशांत' शेखर
तेरी सारी चालाकी को अब मैंने पहचान लिया ।
तेरी सारी चालाकी को अब मैंने पहचान लिया ।
Rajesh vyas
माना के गुनाहगार बहुत हू
माना के गुनाहगार बहुत हू
shabina. Naaz
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कैसे हमसे प्यार करोगे
कैसे हमसे प्यार करोगे
KAVI BHOLE PRASAD NEMA CHANCHAL
■ आज का संदेश...
■ आज का संदेश...
*Author प्रणय प्रभात*
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
दो हज़ार का नोट
दो हज़ार का नोट
Dr Archana Gupta
ये नज़रें
ये नज़रें
Shyam Sundar Subramanian
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
Suryakant Dwivedi
2838.*पूर्णिका*
2838.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"नहीं मिलता"
Dr. Kishan tandon kranti
कितना लिखता जाऊँ ?
कितना लिखता जाऊँ ?
The_dk_poetry
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
गर्द चेहरे से अपने हटा लीजिए
गर्द चेहरे से अपने हटा लीजिए
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
स्याही की मुझे जरूरत नही
स्याही की मुझे जरूरत नही
Aarti sirsat
राह तक रहे हैं नयना
राह तक रहे हैं नयना
Ashwani Kumar Jaiswal
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
गुम लफ्ज़
गुम लफ्ज़
Akib Javed
*नवाब रजा अली खॉं ने श्रीमद्भागवत पुराण की पांडुलिपि से रामप
*नवाब रजा अली खॉं ने श्रीमद्भागवत पुराण की पांडुलिपि से रामप
Ravi Prakash
💐अज्ञात के प्रति-92💐
💐अज्ञात के प्रति-92💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
So, blessed by you , mom
So, blessed by you , mom
Rajan Sharma
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
लवकुश यादव "अज़ल"
అమ్మా తల్లి బతుకమ్మ
అమ్మా తల్లి బతుకమ్మ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
आपके स्वभाव की सहजता
आपके स्वभाव की सहजता
Dr fauzia Naseem shad
रोज डे पर रोज देकर बदले में रोज लेता है,
रोज डे पर रोज देकर बदले में रोज लेता है,
डी. के. निवातिया
कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
DrLakshman Jha Parimal
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
Shweta Soni
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
Dr MusafiR BaithA
Loading...