Comments (19)
8 Jul 2020 02:29 AM
ये भूमि है उन वीरों कि
गूंजे पवन गंभिरो की ।
अति सुंदर प्रस्तुति
धन्यवद् !
21 Jun 2020 06:11 AM
अति सुंदर
चालाकी लिए ससार है
फिर निसफलता का गलत प्रहार है
आभार
18 Jun 2020 07:51 PM
अति सुंदर संदेशपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
18 Jun 2020 03:48 PM
बहुत ही सुंदर रचना आपको सादर अभिवादन
18 Jun 2020 11:26 AM
प्रसंग वह, श्रीकृष्ण ने भी अपने वचन को भंग कर रथ के पहिए को हथियार बना कर उपयोग किया था, लेकिन अपने वीर सैनिकों को तो वह भी हासिल नहीं थे, फिर भी डटे रहे, सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों के उत्सर्ग होने तक,यह कैसी बेबसी है कि सीमाओं की रक्षा को तैनात हुए हैं बिना हथियारों के!
18 Jun 2020 11:02 AM
वाह बेहतरीन
????
धन्यवाद !