अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1406 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2021 · 1 min read मौसम ने ली अँगड़ाई है मौसम ने ली अँगड़ाई है मौसम ने ली अँगड़ाई है घनघोर घटा छाई है मौसम सुहाना हो गया ये दिल दीवाना हो गया बारिश की झमाझम बूंदों से प्रेम का... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 44 150 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jul 2021 · 3 min read अफ़सोस – लघु कहानी अफ़सोस – लघु कहानी एक छोटा सा परिवार जिसमे माता , पिता , बेटा , बहू और एक पोता | पोते की उम्र करीब सत्रह वर्ष | परिवार खुशहाल और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 39 94 4k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 3 Jul 2021 · 3 min read मुस्कान लौट आई - कहानी मुस्कान लौट आई - कहानी गाँव के मुहाने पर एक ओर बुधिया का मकान | मकान में बुधिया की पत्नी, उसकी प्यारी सी बेटी गौरी , माता एवं पिता कुल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 34 92 2k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 6 min read भरोसा – कहानी भरोसा – कहानी विकास गुप्ता एक कपड़े के व्यापारी हैं बाज़ार में इनकी एक कपड़े की बड़ी सी दुकान है | परिवार खुशहाल और समृद्ध है | माता - पिता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 18 28 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Apr 2022 · 1 min read हे पिता,करूँ मैं तेरा वंदन हे पिता,करूँ मैं तेरा वंदन तुमसे रोशन दुनिया मेरी तुमसे रोशन जीवन मेरा पथ प्रदर्शक थे तुम मेरे तुमसे रोशन आशियाँ मेरा हे पिता अभिनन्दन तुम्हारा तुमसे ही था घर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 17 34 751 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 May 2023 · 3 min read दो दोस्त - कहानी दो दोस्त – कहानी एक गाँव में दो दोस्त रहा करते थे नाम थे विमल और राज | दोनों ही मध्यम वर्ग के परिवार से सम्बंधित थे | वैसे घर... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 15 19 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Feb 2021 · 1 min read मुहब्बत के गीतों को मुहब्बत के गीतों को मुहब्बत के गीतों को लबों पर सजाये रखना यादों के चरागों को हमेशा जलाए रखना मुहब्बत के आशियाँ को सजाये रखना यादों का एक समंदर सजाये... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 36 892 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Oct 2021 · 4 min read अनोखी दीपावली - कहानी अनोखी दीपावली राजेश चौहान जी शहर की एक सर्व सुविधायुक्त कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते हैं | परिवार में माता - पिता के आलावा पत्नी सुधा भी है... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 11 20 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Dec 2021 · 6 min read महक - कहानी महक - कहानी किसी गाँव के एक ओर मुहाने पर एक झोपड़ी जिसमें परिवार में कुल तीन लोग रहते हैं बुधिया , उसकी पत्नी रामवती और बेटी महक | एक... Hindi · कहानी 10 20 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Oct 2021 · 3 min read दो दोस्त – कहानी दो दोस्त – कहानी एक गाँव में दो दोस्त रहा करते थे नाम थे विमल और राज | दोनों ही मध्यम वर्ग के परिवार से सम्बंधित थे | वैसे घर... Hindi · कहानी 9 22 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है भाई अपने भाई से, जुदा हो गया है | रिश्तों की मर्यादा ने , सीमाएं लांघ दी हैं इंसानियत का जज़्बा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 6 621 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 16 Aug 2021 · 2 min read ज़िद – कहानी ज़िद – कहानी शहर में रहते हुए भी नेहा जद्दोजहद की जिन्दगी जी रही थी | घर में माता - पिता के अलावा एक भाई पंकज भी है | नेहा... Hindi · कहानी 7 16 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Nov 2021 · 1 min read ख़ुशनुमा हो तेरी हर सुबह - मुक्तक ख़ुशनुमा हो तेरी हर सुबह, खुशनुमा हो तेरी हर शाम l हर एक आरज़ू पूरी हो तेरी, तेरे हर प्रयास को मिले अंजाम ll दिल के हर एक कोने से,... Hindi · मुक्तक 7 6 253 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Sep 2022 · 1 min read पंछी ने एक दिन उड़ जाना है पंछी ने एक दिन , उड़ जाना है हाथ नहीं तेरे , कुछ आना है कैसे रिश्ते, कैसे बंधन साथ नहीं तेरे , कुछ जाना है रिश्ता केवल एक बनाना... Hindi · कविता 7 8 357 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Nov 2022 · 3 min read लत - कहानी राजेश अपने माता - पिता की अकेली संतान थी | चाहर जी के परिवार में शादी के करीब नौ साल बाद एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी | इसलिए... Hindi · कहानी · प्रेरणादायक कहानी 7 4 270 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read पिघलते बादलों के बरसने का इंतज़ार है मुझे पिघलते बादलों के बरसने का इंतज़ार है मुझे पिघलते बादलों के बरसने का इंतज़ार है मुझे भीगती बयार का इंतज़ार है मुझे सजाये हैं प्रकृति से , आलिंगन के सपने... Hindi · कविता 6 14 260 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read आयेंगे एक दिन सब माथा तुझे झुकाने आयेंगे एक दिन सब माथा तुझे झुकाने आयेंगे एक दिन सब माथा तुझे झुकाने हर लेना पीर सबकी, आयेंगे तुझे मनाने इस त्रासदी में प्रभुजी, द्वार बंद कर दिए हैं... Hindi · कविता 6 10 295 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Jul 2021 · 1 min read बंदिशों में रहकर ही बंदिशों में रहकर ही बंदिशों में रहकर ही , संवरता है जीवन बंदिशों के आँचल तले , निखरता है जीवन | जो चंचल हो भटकता है , वो बिखरता है... Hindi · कविता 6 8 217 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक 1. जब तुम्हें रिश्तों की पावनता का बोध होने लगे जब तुम्हें रिश्तों की मर्यादा का भान होने लगे जब तुम्हें रिश्ते , जीवन की संजीवनी नज़र आने लगें... Hindi · मुक्तक 6 10 360 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 2 Nov 2021 · 1 min read अंतिम सत्य, ये मैंने जाना अंतिम सत्य ये , मैंने जाना अंतिम सत्य , ये मैंने जाना चार कन्धों पर होगा जाना क्या लाया था, क्या ले जाना क्यूं करें हम , कोई बहाना छूट... Hindi · कविता 6 10 182 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jan 2022 · 1 min read दीपक तले अंधेरा देखा हमने दीपक तले अंधेरा देखा हमने अपनों में परायापन देखा हमने दिखावा करते थे वह अपनी पाक मोहब्बत का मोहब्बत के आशियां को उजड़ते देखा हमने अपनों के अपनेपन के बहुत... Hindi · कविता 6 6 308 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2022 · 2 min read काश वो पत्थर काश वो पत्थर............... वर्ष 1991 की बात है | यह सत्य घटना जबलपुर की है जिसे मध्य प्रदेश की संस्कारधानी के रूप में भी जाना जाता है | मैं बच्चों... Hindi · संस्मरण 6 10 592 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Apr 2022 · 1 min read खेतों की मेड़ , खेतों का जीवन खेतों की मेड़ , खेतों का जीवन पेड़ों की उपस्थिति , मानव का जीवन संस्कारों की माला , समाज का जीवन नवजात की मुस्कान , माँ का जीवन रिश्तों की... Hindi · कविता 6 2 534 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Sep 2022 · 1 min read उसकी मुस्कराहट के , कायल हुए थे हम उसकी मुस्कराहट के , कायल हुए थे हम यूं ही नहीं मुहब्बत में , घायल हुए थे हम चाहा था हमने उनको, पूजा था हमने उनको यूं ही नहीं आशिक़ी... Hindi · ग़ज़ल 6 2 138 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Sep 2022 · 1 min read क्यूं कर हुई हमें मुहब्बत , हमें नहीं मालूम क्यूं कर हुई हमें मुहब्बत , हमें नहीं मालूम क्यूं कर हुए आशिकी में फ़ना , हमें नहीं मालूम क्यूं कर उनके दीदार की आरज़ू की, हमें नहीं मालूम क्यूं... Hindi · ग़ज़ल 6 2 178 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 13 Feb 2021 · 3 min read अफ़सोस – लघु कहानी अफ़सोस – लघु कहानी एक छोटा सा परिवार जिसमे माता , पिता , बेटा , बहू और एक पोता | पोते की उम्र करीब सत्रह वर्ष | परिवार खुशहाल और... Hindi · लघु कथा 5 6 602 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read कुदरत की अनुपम कलाकृति हैं हम कुदरत की अनुपम कलाकृति हैं हम कुदरत की अनुपम कलाकृति हैं हम पंचतत्वों से निर्मित एक परिपूर्ण मूर्ति स्वयं के उद्धार की संस्कृति से संस्कारित मुक्तिपथ के ज्ञान बोध से... Hindi · कविता 5 6 453 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read जिन्दगी है तो उम्मीद भी है जिन्दगी है तो उम्मीद भी है जिन्दगी है तो उम्मीद भी है उम्मीद है तो आशाएं भी हैं आशाएं है तो सपने भी हैं सपने है तो लक्ष्य भी हैं... Hindi · कविता 5 4 298 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read दिल के घावों को दिल के घावों को दिल के घावों को बरकरार रखना हर एक गम के लिए दिल में जगह रखना दिल में चुभोया है नश्तर जिन्होंने उन इंसानियत के गुनाहगारों को... Hindi · कविता 5 2 227 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2021 · 1 min read हाइकु १. दुःख के बादल माँ के आँचल तले छंट जाते हैं | २. बीती यादों को संजोकर रखना सुखी जीवन | 3. करम तेरा खुदा की इबादत शागिर्द तेरा | Hindi · हाइकु 5 2 442 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Jul 2021 · 2 min read हिंदी साहित्य जगत में अनेक सितारे हैं हिंदी साहित्य जगत में अनेक सितारे हैं हिंदी साहित्य जगत में , अनेक सितारे हैं कुछ टिमटिमाते तारे, कुछ सूर्य की तरह गरम अंगारे हैं कुछ स्वयं को साहित्य जगत... Hindi · कविता 5 6 334 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Jul 2021 · 2 min read आज जानकारियों का बढ़ गया भण्डार है आज जानकारियों का बढ़ गया भण्डार है आज जानकारियों का बढ़ गया भण्डार है कुछ सच्ची कुछ झूठी , कुछ की महिमा अपरम्पार है कुछ यू - ट्यूब पर चला... Hindi · कविता 5 4 461 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक 1. जब तुम्हारे प्रयास , सफल होने लगें जब तुम्हारी कोशिशों को, दिशा प्राप्त होने लगे जब तुम सफ़लता की , सीढियां चढ़ने लगो तब समझना , मंजिल तुम्हारे... Hindi · मुक्तक 5 2 236 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Jul 2021 · 1 min read पीर दिलों की मिटा के पीर दिलों की मिटा के पीर दिलों की मिटा के , रोशन किया ज़ज्बा – ए - वतन मादरे वतन पर मर मिटने का ज़ज्बा सिखा गए | वतनफ़रोशी का... Hindi · कविता 5 6 281 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Oct 2021 · 2 min read पिताजी तूसी ग्रेट हो पिताजी तूसी ग्रेट हो शर्मा जी एक अधिकारी के पद पर कार्य करते हैं | घर में पत्नी सीमा के अलावा इनके दो बच्चे प्रियंका और शशांक हैं | घर... Hindi · कहानी 5 20 635 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Oct 2021 · 1 min read खुद से ही मिलेगी प्रेरणा खुद से ही मिलेगी प्रेरणा खुद से ही मिलेगी , प्रेरणा खुद से ही बुलंद होगा , आत्मविश्वास खुद से ही रोशन होगा , संस्कृति का कारवाँ खुद से ही... Hindi · कविता 5 2 184 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Dec 2021 · 2 min read कहानी का नाम - गुमनाम कहानी का नाम - गुमनाम प्रवेश अपने माता पिता की अकेली संतान है | उसके माता-पिता दैनिक मजदूर हैं | प्रवेश को उसके माता - पिता जीवन में एक अच्छे... Hindi · कहानी 5 10 637 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Dec 2021 · 1 min read जग में प्यारा है तू जग में प्यारा है तू, सबसे न्यारा है तू सबकी आँखों का तारा , सबका प्यारा है तू फ़िक्र है सबकी तुझको, तेरे बच्चे हैं हम सच की राह चलें... Hindi · कविता 5 8 279 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jan 2022 · 1 min read वक्त के साथ जो चलोगे, तो सफल हो जाओगे वक्त के साथ जो चलोगे, तो सफल हो जाओगे वक्त की कद्र जो न की , तो बिखर जाओगे वक्त को अपनी मंजिल का हमसफर , जो बना लोगे तो... Hindi · कविता 5 14 439 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Jan 2022 · 1 min read मेरी बिटिया रानी फ़ूलों की खुशबू सी महके, मेरी बिटिया रानी चंदा की चाँदनी सी चमके, मेरी बिटिया रानी संस्कारों से पोषित हो, मेरी बिटिया रानी आसमाँ पर चमके, मेरी बिटिया रानी आँचल... Hindi · कविता 5 8 1k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Jun 2021 · 3 min read IMPORTANCE OF DISCIPLINE IN LIFE - AN ESSAY IMPORTANCE OF DISCIPLINE IN LIFE - AN ESSAY INTRODUCTION: - Discipline means how to control self or we can say self-control. Sometimes it means order to act in a right... English · Essay 5 7 3k Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक इस जीवन को जीवन कर लूँ मैं चांद तारों से क्या लेना मुझको l Hindi · मुक्तक 5 2 168 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Sep 2022 · 2 min read समझदारी - कहानी एक जंगल में गधों का एक झुंड रहता था l इन सबके बीच एक गधा था चुन्नू | चुन्नू एक साधारण गधा था | वह ज्यादा दिमाग नहीं लगाता था... Hindi · कहानी 5 241 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 25 Sep 2022 · 2 min read संस्कार - कहानी शर्मा जी के परिवार में माता - पिता के अलावा पत्नी सुधा , और दो बच्चे पंकज और निधि थे | परिवार सभ्य , सुसंस्कृत एवं संस्कारी था | शर्मा... Hindi · कहानी · प्रेरक 5 4 239 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Oct 2022 · 3 min read आशा - कहानी आशा एक गरीब परिवार की लड़की है | उसके माता - पिता दोनों खेतिहर मजदूर हैं | आशा को बचपन से ही पढ़ाई से लगाव है | जब वह मात्र... Hindi · कहानी · प्रेरणादायक 5 4 332 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Nov 2022 · 1 min read गुमसुम सी साँसें क्यों हैं गुमसुम सी साँसें क्यों हैं बहक रही निगाहें क्यों हैं रिश्तों मे ये उफ़ क्यों है बहक रही जवानियाँ क्यों हैं सिसकती साँसों का समंदर रोशन क्यों है अपनों में... Hindi · कविता 5 97 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read कुछ काम करो , कुछ काम करो *कुछ काम करो , कुछ काम करो* जग में अपना नाम करो भाग्य भरोसे मत बैठो तुम कुछ काम करो , कुछ काम करो आगे बढ़ना नियति तुम्हारी कर्म राह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 26 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2021 · 9 min read सफलता के मूल मंत्र सफलता के मूल मंत्र भूमिका:- सफलता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का वह चरम है जिसे वह किसी भी कीमत पर प्राप्त करना चाहता है | सफलता अर्थात सपनों का साकार... Hindi · लेख 4 8 593 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2021 · 1 min read वो अल्फ़ाज कहाँ से लाऊँ 1. वो अल्फ़ाज कहाँ से लाऊँ, जो तेरी शख्सियत बयाँ करे वो भाव कहाँ से लाऊँ, जो तेरी इबादत बयाँ करे वो लेखनी कहाँ से लाऊँ, जो तेरा रुतबा बयाँ... Hindi · मुक्तक 4 2 260 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 19 Apr 2021 · 1 min read इस ज़मीं को , चलो सितारों से सजा दें इस ज़मीं को चलो सितारों से सजा दें इस ज़मीं को चलो , सितारों से सजा दें क्यों दूर करें आसमां में , सितारों की तलाश इस ज़मीं को चलो... Hindi · कविता 4 2 405 Share Page 1 Next