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25 Jul 2021 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

1.

जब तुम्हारे प्रयास , सफल होने लगें

जब तुम्हारी कोशिशों को, दिशा प्राप्त होने लगे

जब तुम सफ़लता की , सीढियां चढ़ने लगो

तब समझना , मंजिल तुम्हारे कदम चूमने लगी है ||

2.

जब तुम्हारा अंतर्मन , सच और झूठ का अंतर समझने लगे

जब तुम्हारी अंतरात्मा सत्य का वरण करने लगे

जब तुम्हारे नेत्र निश्छल हो जाएँ

तब समझना तुम पूर्ण मानव बनने की दिशा में अग्रसर हो ||

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 235 Views
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