बचपन की दोस्ती

नन्हे क़दम, बड़ी शरारत,
हँसी-ठिठोली, प्यारी बातें।
बिना स्वार्थ, बिना शिकायत,
बस संग रहने की सौगातें।
एक टॉफी के दो टुकड़े,
आधी तेरी, आधी मेरी।
झूले पर संग झूलना,
कभी लड़ाई, कभी फेर-बेरी।
बारिश में कागज़ की कश्ती,
मैदानों में भागते सपने।
हर खेल में संग-साथी,
हर ग़म में हँसते अपने।
समय बदले, राहें बदलें,
पर वो मासूमियत ना जाए।
बचपन की वो सच्ची दोस्ती,
दिल के कोने में रह जाए।