Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं….

नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं,
आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं।
दंश उन्होंने हीं दिए, जिन्होंने अपनेपन के छल रचाये हैं,
वरना औरों के समक्ष, हम आज भी कहाँ खुल पाए हैं।
मरहम का भ्रम फैलाकर, रीसते जख्मों पर नमक रगड़ आये हैं,
प्रपंच रचा गया भय का ऐसा, जिससे शब्द हमारे थर्राये हैं।
सपनों के मीठे गीत कभी, मधुबन में हमने भी गाये हैं,
पर चीख़ें लिखी गयीं, श्वासों पर ऐसी, जिसे आज भी भूल ना पाए हैं।
प्रकाशपुंज की दीप्ती से नहीं, अन्धकार से हम टकराये हैं,
शीतल जल की धारा से नहीं, विषमिश्रित जलप्रपात से प्यास बुझाये हैं।
स्तब्ध रह गयी आस्थाएं, तब खुद को हीं कठघरे में खड़ा कर आये हैं,
धर्मक्षेत्र सजाया और स्वयं से स्वयं को जीत कर लाये हैं।
अग्नि सी है अब ढाल मेरी, जिससे अधर्मियों के धर्म चरमराए हैं,
अंतरिक्ष भी मुस्कुरा उठा, जब शस्त्र सम्मान ने स्वयं के लिए उठाये हैं।

117 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

हे राम जी! मेरी पुकार सुनो
हे राम जी! मेरी पुकार सुनो
Sudhir srivastava
शिखर
शिखर
Kaviraag
तबो समधी के जीउ ललचाई रे
तबो समधी के जीउ ललचाई रे
आकाश महेशपुरी
भूखे रिश्ते
भूखे रिश्ते
पूर्वार्थ
2929.*पूर्णिका*
2929.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
नेताम आर सी
हमें बुद्धिमान के जगह प्रेमी होना चाहिए, प्रेमी होना हमारे अ
हमें बुद्धिमान के जगह प्रेमी होना चाहिए, प्रेमी होना हमारे अ
Ravikesh Jha
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
Ravi Prakash
समस्या ही समाधान
समस्या ही समाधान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुमने सोचा तो होगा,
तुमने सोचा तो होगा,
Rituraj shivem verma
उलझनें रूकती नहीं,
उलझनें रूकती नहीं,
Sunil Maheshwari
मदिरा
मदिरा
C S Santoshi
पतझड़ मे एक दर्द की
पतझड़ मे एक दर्द की
अमित कुमार
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रकृति और मानव
प्रकृति और मानव
Kumud Srivastava
* ये शिक्षक *
* ये शिक्षक *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#आज_का_क़ता (मुक्तक)
#आज_का_क़ता (मुक्तक)
*प्रणय*
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल जीतने की कोशिश
दिल जीतने की कोशिश
Surinder blackpen
मोहब्बत की सच्चाई
मोहब्बत की सच्चाई
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
!! स्वर्णिम भारत !!
!! स्वर्णिम भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
"इश्क़ वर्दी से"
Lohit Tamta
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
मोहब्बत में कब तक रुलाते रहेंगे।
मोहब्बत में कब तक रुलाते रहेंगे।
Phool gufran
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वापस
वापस
Dr.sima
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Seema Garg
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ
इंजी. संजय श्रीवास्तव
"आरजू"
Dr. Kishan tandon kranti
परिवार
परिवार
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
Loading...