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18 May 2024 · 1 min read

अपना जीना कम क्यों हो

यहां ज़श्न हो
मातम क्यों हो
आख़िर बोझिल
मौसम क्यों हो…
(१)
चाहे लाख यहां
पतझड़ आए
चारों तरफ
वीरानी छाए
जब चिड़ियों का
चहकना कम न हुआ
तो अपना जीना
कम क्यों हो…
(१)
ऐसी चिलचिलाती
धूप में भी
हवा के विकराल
रूप में भी
जब फूलों का
महकना कम न हुआ
तो अपना जीना‌
कम क्यों हो…
(२)
चाहे दुनिया में
महामारी आए
लोगों में मौत की
दहशत छाए
जब दिलों का
धड़कना कम न हुआ
तो अपना जीना
कम क्यों हो…
(३)
ये अमावस की
काली रात फिर भी
हाथों को नहीं
सूझे हाथ फिर भी
जब तारों का
चमकना कम न हुआ
तो अपना जीना
कम क्यों हो…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#इंतजार #रोमांटिक_गीत #प्रेम
#प्रेमगीत #प्रेमी #love #शायर
#आशिक #प्रेमिका #दिलजला
#प्रेरणा #मोटिवेशन #lyrics
#Inspiration #motivation

Language: Hindi
Tag: गीत
76 Views

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