Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

हमारा दिल।

हमारा दिल हमारा साथ देता नही है।
समझाया बहुत पर उनसे नफरत करता नही है।।

पहले तो इसने सीने में अरमां जगायें।
पर अब ये ज़ालिम उनको ही पूरा करता नहीं है।।

कमबख्त यह ना रोता है ना हंसता है।
जो बात हमें तकलीफ़ दे यह बस करता वही है।।

रोका बहुत उनसे मोहब्बत करने से।
पर ठहरा दुश्मन हमारा कोई बात सुनता नहीं है।।

प्यासी होकर जमीं बंजर बन गई है।
यह बैरी बादल भी वक्त पे कभी बरसता नहीं है।।

फरियाद लेकर जाएं तो जाएं कहां।
खुदा भी अब दुआओं को हमारी सुनता नहीं है।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

124 Views
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

अगर किसी के पास रहना है
अगर किसी के पास रहना है
शेखर सिंह
उॅंगली मेरी ओर उठी
उॅंगली मेरी ओर उठी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
4436.*पूर्णिका*
4436.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यादों का थैला लेकर चले है
यादों का थैला लेकर चले है
Harminder Kaur
कुंडलिया . . .
कुंडलिया . . .
sushil sarna
मुझे नाम नहीं चाहिए यूं बेनाम रहने दो
मुझे नाम नहीं चाहिए यूं बेनाम रहने दो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिससे पहचान मेरी से जाए
जिससे पहचान मेरी से जाए
Dr fauzia Naseem shad
अनुरक्ति की बूँदें
अनुरक्ति की बूँदें
singh kunwar sarvendra vikram
- बाप व्यभिचारी बेटे लाचार -
- बाप व्यभिचारी बेटे लाचार -
bharat gehlot
पता ही नहीं चलता यार
पता ही नहीं चलता यार
पूर्वार्थ
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
Rj Anand Prajapati
आये जबहिं चुनाव
आये जबहिं चुनाव
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
Bodhisatva kastooriya
बादल
बादल
Shashi Mahajan
मुक्तक –  अंत ही आरंभ है
मुक्तक – अंत ही आरंभ है
Sonam Puneet Dubey
सभ्यों की 'सभ्यता' का सर्कस / मुसाफिर बैठा
सभ्यों की 'सभ्यता' का सर्कस / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जिसनै खोया होगा
जिसनै खोया होगा
MSW Sunil SainiCENA
शादी
शादी
Adha Deshwal
तुम और मैं
तुम और मैं
NAVNEET SINGH
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
" अन्तर "
Dr. Kishan tandon kranti
तलबगार दोस्ती का (कविता)
तलबगार दोस्ती का (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
गहराई.
गहराई.
Heera S
#तेरा इंतज़ार है
#तेरा इंतज़ार है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
चेन की नींद
चेन की नींद
Vibha Jain
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
गई सुराही छूट
गई सुराही छूट
RAMESH SHARMA
भ्रमण
भ्रमण
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
तेरे कदमो की आहट ने
तेरे कदमो की आहट ने
योगी कवि मोनू राणा आर्य
🙅महा-ज्ञान🙅
🙅महा-ज्ञान🙅
*प्रणय*
Loading...