Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2024 · 1 min read

वास्तविकता

संस्कार आदर्श नीति चरित्र सब बातें भूख के सामने थोथी लगती है ,
क्योंकि भूखे पेट के सामने केवल दो रोटी जुटाने का लक्ष्य ही सर्वोपरि होता है ,

जिस के प्रयास में वह अपने ज़मीर को दबाता है , नीति और आदर्शों की आहुती देता है ,
अपने अंतर्निहित संस्कारों तक को दांव पर
लगा देता है ,

क्योंकि भूखे पेट रहने की कल्पना उसे
मजबूर करती है ,
दो रोटी हासिल करने का जुनून उसमें छिपी मानवता का गला घोंटती है ,
उसे प्रकृति के नियम अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष का बोध कराती है ,

उसमे छुपा पशु उसे मुखौटे पहनकर जीवन रंगमंच पर कलाबाजियाँ खाने को बाध्य करता है ,

वह भी शामिल होता है राह में चलती भीड़ में
इस बात से बेखबर कि रास्ता कहां जाएगा ?

शायद उसकी सोच में भीड़ की मनोवृत्ति हावी हो चुकी है ,
कि जब इतने लोग साथ हैं तो कहीं ना कहीं पहुंचेंगे अवश्य ,

भीड़ में भी वह आगे निकलने की कोशिश करता है,
उसे पता नहीं कि लड़खड़ा कर गिरने पर भीड़ के लोग उसे रौंद कर निकल जाएंगे ,

उसे थामने और उठाने वाला कोई नहीं होगा ,
क्योंकि भीड़ के सभी लोग उसके प्रतिरूप हैं ,

जिन्होंने उसी की तरह दो रोटी जुटाने की खातिर अपनी आत्मा को दबाकर ,
नीति और आदर्शों को पेट की आग में जला कर ,
मानवता का गला दबाकर ,

एक दूसरे से आगे निकलने की चेष्टा में ,
अपने संस्कारों को दांव पर लगाकर हार चुके हैं ।

1 Like · 89 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

वक़्फ़ की चौखट पर , ये रक्स करने वाले ,
वक़्फ़ की चौखट पर , ये रक्स करने वाले ,
Neelofar Khan
नारी शक्ति
नारी शक्ति
राधेश्याम "रागी"
होती जब वर्षा की कहर
होती जब वर्षा की कहर
उमा झा
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
सृजन और पीड़ा
सृजन और पीड़ा
Shweta Soni
खुशी में जीवन बिता देते हैं
खुशी में जीवन बिता देते हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
SURYA PRAKASH SHARMA
"आईये जीवन में रंग भरें ll
पूर्वार्थ
11-🌸-उम्मीद 🌸
11-🌸-उम्मीद 🌸
Mahima shukla
जो औरों के बारे में कुछ सोचेगा
जो औरों के बारे में कुछ सोचेगा
Ajit Kumar "Karn"
" ऊँट "
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन संगीत
जीवन संगीत
Shyam Sundar Subramanian
युग के हर दौर में
युग के हर दौर में
Manoj Shrivastava
तुममें मैं कहाँ हूँ ?
तुममें मैं कहाँ हूँ ?
Saraswati Bajpai
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
Sanjay ' शून्य'
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
बहुत गहरी थी रात
बहुत गहरी थी रात
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
#स्टार्टअप-
#स्टार्टअप-
*प्रणय प्रभात*
प्यारी गौरैया।
प्यारी गौरैया।
shashisingh7232
Partnership Deed
Partnership Deed
विक्रम सिंह
नाथी
नाथी
manorath maharaj
पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
Rahul Singh
पवित्रता
पवित्रता
Rambali Mishra
ସାଧନାରେ କାମନା ବିନାଶ
ସାଧନାରେ କାମନା ବିନାଶ
Bidyadhar Mantry
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
जय लगन कुमार हैप्पी
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
रोला
रोला
seema sharma
4287.💐 *पूर्णिका* 💐
4287.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*डॉक्टर सावित्री गुप्ता जी (1 मार्च 1943 - 15 दिसंबर 2024): श्रद्धॉंजल
*डॉक्टर सावित्री गुप्ता जी (1 मार्च 1943 - 15 दिसंबर 2024): श्रद्धॉंजल
Ravi Prakash
Loading...