Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

तुममें मैं कहाँ हूँ ?

आज भी ढूँढ़ रही हूँ
खुद का अस्तित्व,
तुम्हारी आँख में,
तुम्हारे हृदय में,
तुम्हारी हर बात में ।
कभी लगता है,
कहीं तो में हूँ; तुममें
और कभी महसूस होता
बहुत हूँ तुममें ।
पर जब मेरे हाथ
खाली होते,
मेरा अस्तित्व घट रहा होता
तो तुममें संचित “मैं”
जब भी पाना चाहती
खुद को पूरा करना चाहती
खाली हाथ ही लौटती ।
बार-बार ये खाली लौटना
मन को आहत करता है ।
उस आहत कांपते मन को
मस्तिष्क जब थामता है
तो वह बोल उठता है,
तुम में ‘मैं नहीं हूँ ‘
जरा भी नहीं हूँ ।

Language: Hindi
83 Views
Books from Saraswati Bajpai
View all

You may also like these posts

पिता
पिता
Mansi Kadam
4614.*पूर्णिका*
4614.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जातिवाद का भूत
जातिवाद का भूत
मधुसूदन गौतम
🌸अनसुनी 🌸
🌸अनसुनी 🌸
Mahima shukla
है शिकन नहीं रुख़ पर
है शिकन नहीं रुख़ पर
आकाश महेशपुरी
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
Paras Nath Jha
मज़दूर दिवस विशेष
मज़दूर दिवस विशेष
Sonam Puneet Dubey
May you never again get attached to anyone who isn’t for you
May you never again get attached to anyone who isn’t for you
पूर्वार्थ
प्रश्न जन्माष्टमी
प्रश्न जन्माष्टमी
Nitin Kulkarni
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
कवि रमेशराज
इंसान बुरा बनने को मजबूर हो जाता है
इंसान बुरा बनने को मजबूर हो जाता है
jogendar Singh
दुनिया के डर से
दुनिया के डर से
Surinder blackpen
शुभचिंतक हैं शिव
शुभचिंतक हैं शिव
Sudhir srivastava
भारत अध्यात्म का विज्ञान
भारत अध्यात्म का विज्ञान
Rj Anand Prajapati
#धरती के देवता
#धरती के देवता
Rajesh Kumar Kaurav
तस्वीर
तस्वीर
seema sharma
व़ुजूद
व़ुजूद
Shyam Sundar Subramanian
बूँद बूँद याद
बूँद बूँद याद
Atul "Krishn"
"अजीज"
Dr. Kishan tandon kranti
पल पल है जिंदगी जिले आज
पल पल है जिंदगी जिले आज
Ranjeet kumar patre
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
चरणों में सौ-सौ अभिनंदन ,शिक्षक तुम्हें प्रणाम है (गीत)
चरणों में सौ-सौ अभिनंदन ,शिक्षक तुम्हें प्रणाम है (गीत)
Ravi Prakash
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
प्रेमदास वसु सुरेखा
होंसला, हिम्मत और खुदा
होंसला, हिम्मत और खुदा
ओनिका सेतिया 'अनु '
छाता
छाता
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रतिभा
प्रतिभा
Rambali Mishra
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
R
R
*प्रणय*
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
VINOD CHAUHAN
Loading...