जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
जिसको जिन्दगी में गम भुलाना आ गया,समझिए वो जीत गया इस जिन्द
कृषक-किशोरी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ख़्वाब रख कर तुम्हारा आंखों में
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
जिंदा हूँ.....क्या इस बात पे शर्मिंदा हूँ
जिंदा हूं कि जिंदा नही भी हूं ।
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
दर्द दिल का है बता नहीं सकते,