Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

मृगतृष्णा : काव्य संग्रह

सरस्वती बाजपेई
Paperback
₹150
Ebook
₹99

About the book

मृगतृष्णा अर्थात दूर से सत्य प्रतीत होती जलधारा जिसको पाने की चाह में पिपासु निरंतर दौड़-दौड़कर विकल हो जाता है। हाथ आती है तो बस विफलता, हताशा, उद्विग्नता । जीवन... Read more

Book details

Publication Date: 30 March 2025
Language: Hindi
Genre: Poetry
Tags: Hindi, Poetry
Size: 5.5x8.5
Pages: 50
ISBN (Paperback): 9789359247076
1 Like · 4 Comments · 36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp

More books from the author

You may also like these books

चंदा मामा रहे कुँवारे : बाल गीत
चंदा मामा रहे कुँवारे : बाल गीत
डॉ. अर्चना गुप्ता
सरदार पटेल - प्रश्न माला
सरदार पटेल - प्रश्न माला
Satyendra Patel ‘Prakhar’
अनुभूति के पल
अनुभूति के पल
Veneeta Narula
प्रेमात्रयी
प्रेमात्रयी
Pt. Triveni Prasad Tripathi
बानगी
बानगी
Ghanshyam Poddar
जियो जी भर : काव्य संग्रह द्वितीय
जियो जी भर : काव्य संग्रह द्वितीय
अश्वनी कुमार जायसवाल
जगरानी
जगरानी
Anil Mishra Prahari
धड़कनें- मेरी कविताएँ
धड़कनें- मेरी कविताएँ
Rajiv Vishal (Rohtasi)
अक्कड़ बक्कड़ (मेरी बाल कविताएँ)
अक्कड़ बक्कड़ (मेरी बाल कविताएँ)
Dr. Archana Gupta
रामलला अभिराम
रामलला अभिराम
Ravi Prakash
मेरे एहसास
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
स्नेह का नाता
स्नेह का नाता
Dr. Rajander Singh "Swachhand"
प्रकृति के झरोखों से
प्रकृति के झरोखों से
Omprakash Bharti Om
ढलती सांझ
ढलती सांझ
Lalni Bhardwaj
अभिव्यंजना (A bond of writers)
अभिव्यंजना (A bond of writers)
R. S. Pritam
अनुभूति स्पर्श की
अनुभूति स्पर्श की
Lalkar Bhardwaj
हम पर अत्याचार क्यों?
हम पर अत्याचार क्यों?
Dushyant Kumar
फुहार एक हल्की सी (काव्य संग्रह)
फुहार एक हल्की सी (काव्य संग्रह)
Srimati Jugal Kishori Singh
शेष है
शेष है
Pratibha Arya
सप्तक्रांति से संपूर्णक्रांति तक: डा. लोहिया व जेपी
सप्तक्रांति से संपूर्णक्रांति तक: डा. लोहिया व जेपी
Ram Pukar Sinha
घूंघट (काव्य संग्रह)
घूंघट (काव्य संग्रह)
Kunwar Bahadur Singh
कुछ एहसास मेरे, कुछ एहसास तेरे
कुछ एहसास मेरे, कुछ एहसास तेरे
अनिल कुमार "अक्सर"
नायक जी की कुंडलिकाएं
नायक जी की कुंडलिकाएं
पं बृजेश कुमार नायक
पलाश के फूल
पलाश के फूल
Navneet Singh
Loading...