पुरुष नाजुक सा बच्चा है।

पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
वो चाहता है एक कंधा जो उसे सहारा दे,
वो चाहता है एक गोद जिसमें वो छुप कर रो सके,
वो चाहता है एक हाथ जिसके साथ सारी उम्र बिता सके,
वो चाहता है मां जैसा कोई जिससे बाते सारी कर सके,
वो चाहता है ऐसा मन जो उसकी हर व्यथा समझ सके,
वो फिर भी सबकुछ में सिर्फ कुछ ही चाहता है।।