वक़्फ़ की चौखट पर , ये रक्स करने वाले ,

वक़्फ़ की चौखट पर , ये रक्स करने वाले ,
छीनने लगे हैं क्यूँ, गुरबत के सब निवाले,
बीमार माँ की सेवा, इनसे करी जाती नहीं,
दुख दे रहे उसी को ये ,जिसने दिए उजाले ।
✍️नील रूहानी
वक़्फ़ की चौखट पर , ये रक्स करने वाले ,
छीनने लगे हैं क्यूँ, गुरबत के सब निवाले,
बीमार माँ की सेवा, इनसे करी जाती नहीं,
दुख दे रहे उसी को ये ,जिसने दिए उजाले ।
✍️नील रूहानी