Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

*चक्रव्यूह*

जिंदगी में कितना कुछ
अप्रत्याशित घट जाता है –
शायद ही हम इंसानों को
कुदरत द्वारा संचालित
इन घटनाओं का
कोई मतलब,
कोई मकसद,
समझ में आता है –
कई बार हम महसूस करते हैं
कि हमारी अवधारणा के विपरीत –
मिल जाती है किसी को हार
और किसी को जीत –
हमने अनजाने में
खुद को मान लिया है
इतना सर्वशक्तिमान –
कि अपनी मर्जी से
किसी को बना दिया करते हैं महान –
और किसी बेकसूर का
कर देते हैं अपमान –
जो हमारे बनाए
नियम और कायदे का करता है उल्लंघन –
उसका हम दुरुह बना देते हैं जीवन –
क्या कभी किया है हमने?
चिंतन मनन और मंथन –
और किया है कभी
घटित और अघटित घटनाओं का विश्लेषण –
ईश्वर द्वारा किए गए कई कार्य
हमें तकलीफ देते हैं –
मगर क्या यह सच नहीं है
कि वही तजुर्बे हमें वाकई में सीख देते हैं –
हमारा वज़ूद क्षणभंगुर है,
हमारी क्षमता सीमित है,
जिस दिन हमें हो जाएगा
इस बात का अहसास –
हम सफलतापूर्वक कर सकेंगे
दंभ और अभिमान के चक्रव्यूह का
स्वयं ही विनाश।

Language: Hindi
158 Views
Books from Pallavi Mishra
View all

You may also like these posts

आकर्षण गति पकड़ता है और क्षण भर ठहरता है
आकर्षण गति पकड़ता है और क्षण भर ठहरता है
शेखर सिंह
*टैगोर शिशु निकेतन *
*टैगोर शिशु निकेतन *
Ravi Prakash
बच्चों की परीक्षाएं
बच्चों की परीक्षाएं
Dhirendra Singh
कदम
कदम
Sudhir srivastava
शून्य से शिखर तक
शून्य से शिखर तक
शशि कांत श्रीवास्तव
#धरती के देवता
#धरती के देवता
Rajesh Kumar Kaurav
विकास
विकास
Khajan Singh Nain
अजीब मानसिक दौर है
अजीब मानसिक दौर है
पूर्वार्थ
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
सहपाठी
सहपाठी
Shailendra Aseem
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम नहीं!
तुम नहीं!
Anu Kumari Singh
" दोहरा चरित्र "
DrLakshman Jha Parimal
"ज़ायज़ नहीं लगता"
ओसमणी साहू 'ओश'
तत्वहीन जीवन
तत्वहीन जीवन
Shyam Sundar Subramanian
एक दिये का कमाल
एक दिये का कमाल
MEENU SHARMA
बेटी से प्यार करो
बेटी से प्यार करो
Neeraj Agarwal
दिल का आलम
दिल का आलम
Surinder blackpen
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
कमजोर से कमजोर स्त्री भी उस वक्त ताकतवर हो जाती है जब उसे,
कमजोर से कमजोर स्त्री भी उस वक्त ताकतवर हो जाती है जब उसे,
Ranjeet kumar patre
- सुहाना मौसम -
- सुहाना मौसम -
bharat gehlot
**** रक्षाबंधन का त्योहार आया ****
**** रक्षाबंधन का त्योहार आया ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कभी कभी
कभी कभी
Sûrëkhâ
क़िस्मत की सज़ा
क़िस्मत की सज़ा
Rekha khichi
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेहनत से रोटी मिले दो वक्त की
मेहनत से रोटी मिले दो वक्त की
सुशील भारती
4642.*पूर्णिका*
4642.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी
जिंदगी
ओनिका सेतिया 'अनु '
सोचे सारे ख्वाब
सोचे सारे ख्वाब
RAMESH SHARMA
Loading...