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13 Mar 2025 · 1 min read

*होली ऐसी खेलिए, रहे न एक उदास (कुंडलिया)*

होली ऐसी खेलिए, रहे न एक उदास (कुंडलिया)
🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂
होली ऐसी खेलिए, रहे न एक उदास
जो-जो जितने दूर हैं, आऍं उतने पास
आऍं उतने पास, रंग इस तरह लगाऍं
मुख-मंडल सब सुस्त, नेह से खिल-खिल जाऍं
कहते रवि कविराय, बनाकर चलिए टोली
कहिएगा सप्रेम, बुरा मत मानें होली
_______________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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