धूप-छाँव
डॉ० पल्लवी मिश्रा 'शिखा'
•••कुछ कविताएँ समसामयिक घटनाओं से प्रभावित हैं तो कुछ अंतस् की गहराइयों में उठती भावनाओं का प्रतिबिंब हैं। इनका विस्तार सूक्ष्मतम अनुभूतियों से लेकर स्थूलतम उपलब्धियों तक है। कहीं धूप की प्रचंड किरणों का ताप है तो कहीं छाँव की...