हर कोई समझ ले,
हर कोई समझ ले,
वो मैं खुली किताब नहीं ।
एक नजर में पढ़ा जाए,
ऐसा मेरा जज्बात नही।
………✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी
हर कोई समझ ले,
वो मैं खुली किताब नहीं ।
एक नजर में पढ़ा जाए,
ऐसा मेरा जज्बात नही।
………✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी