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25 May 2024 · 1 min read

उलझनें रूकती नहीं,

उलझनें रूकती नहीं,
मुश्किलें थमती नहीं,
गर हौसला हो जिंदा यारो,
तो राह भी फिर कहां रूकती।
©️ सुनील माहेश्वरी

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