प्रार्थना- मन के सच्चे हम सब बालक -रचनाकार अरविंद भारद्वाज

प्रार्थना- मन के सच्चे हम सब बालक
मन के सच्चे हम सब बालक, कोमल हृदय हमारा
तेरी कृपा से ही भगवन ये, पुलकित जीवन सारा
शीश झुका विनती करते हैं, शक्ति हमकों देना
मन में चाहत लेकर आए, विद्या दान है लेना
दया करें निर्बल पर हर दिन, उनका बनें सहारा
तेरी कृपा से ही भगवन ये, पुलकित जीवन सारा
जीवन चक्र बहुत कठिन है, हमकों राह दिखलाना
रोम-रोम में प्यार भरा हो, चाह इतनी सिखलाना
कर दे समर्पित उनको जीवन, जिसने हमें सवाँरा
तेरी कृपा से ही भगवन ये, पुलकित जीवन सारा
विद्या के आँगन में हमको, गुरुजन पाठ पढ़ाते
सीख नई नित देकर हमको,जीवन की सीढ़ी चढ़ाते
गुरु चरणों में बैठ – बैठ कर, कर लें अपना गुजारा
तेरी कृपा से ही भगवन ये, पुलकित जीवन सारा
© अरविन्द भारद्वाज