Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2024 · 1 min read

हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।

गज़ल

11212/11212/11212/11212
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
मेरा दोस्त बन के जो आए वो, मेरी रहगुज़र में भी साथ दे।

तेरी जिंदगी इक जंग है तुझे इतना समझना है लाज़मी,
तुझे चाहिए इक हाथ जो, तेरा हर समर में भी साथ दे।

लिखें प्यार की इक दास्तां, जो अमर हो सारे जहान में,
न वो जिंदगी में ही प्यार दे, वो मेरा कबर में भी साथ दे। ‌

जो हर इक खुशी गम में रहे, मेरे साथ में परछाई सा,
जो खुशी में हाथ बढ़ाए पर, जो मेरा कहर में भी साथ दे।

मुझे चाहिए इक प्रेमी जो, रहे हर समय इक दोस्त सा,
चाहे कंकड़ों से भरी रहे, मेरा उस डगर में भी मेरा साथ दे।

……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

दिल की बात को जुबान पर लाने से डरते हैं
दिल की बात को जुबान पर लाने से डरते हैं
Jyoti Roshni
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
* हमसे अच्छा हमारा कोई दोस्त नहीं*
* हमसे अच्छा हमारा कोई दोस्त नहीं*
Vaishaligoel
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
मोहब्बत में यूं सितम न ढाया करो।
मोहब्बत में यूं सितम न ढाया करो।
Rj Anand Prajapati
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय प्रभात*
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
" सितम "
Dr. Kishan tandon kranti
हादसा
हादसा
Rekha khichi
#महल का कंगुरा
#महल का कंगुरा
Radheshyam Khatik
*सार्थक दीपावली*
*सार्थक दीपावली*
ABHA PANDEY
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
sushil sarna
हमदर्द
हमदर्द
ललकार भारद्वाज
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
2928.*पूर्णिका*
2928.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक़्त जो
वक़्त जो
Dr fauzia Naseem shad
जा लिख दे आसमान पे
जा लिख दे आसमान पे
Shekhar Chandra Mitra
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
Sunil Maheshwari
शून्य है यदि पुरूषार्थ का फल।
शून्य है यदि पुरूषार्थ का फल।
Acharya Shilak Ram
एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में,
एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में,
manjula chauhan
व्यंग्य एक अनुभाव है +रमेशराज
व्यंग्य एक अनुभाव है +रमेशराज
कवि रमेशराज
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
“समझा करो”
“समझा करो”
ओसमणी साहू 'ओश'
God
God
Shashi Mahajan
ग़ज़ल __ कुछ लोग झूठ बोल के , मशहूर हो गए।
ग़ज़ल __ कुछ लोग झूठ बोल के , मशहूर हो गए।
Neelofar Khan
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
Swami Ganganiya
लिखना
लिखना
पूर्वार्थ
ग़ज़ल 1
ग़ज़ल 1
Deepesh Dwivedi
वाक्य की सार्थकता,
वाक्य की सार्थकता,
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
Loading...